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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नदियों का नैहर' कहे जाने वाले खगड़िया जिले में नदियां विकराल रूप धारण कर चुकी हैं। जिले की सभी प्रमुख नदियां - गंगा, बूढ़ी गंडक, कोसी और बागमती - खतरे के निशान से काफी ऊपर बह रही हैं, जिससे बाढ़ का खतरा गंभीर हो गया है।

जलस्तर में लगातार वृद्धि, रोकथाम की कोई संभावना नहीं:

रविवार को गंगा नदी पहले ही खतरे के निशान को पार कर गई थी, और सोमवार को बूढ़ी गंडक, कोसी और बागमती भी खतरे के निशान से ऊपर बहने लगीं। विभागीय रिपोर्टों के अनुसार, इन सभी नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है, और फिलहाल जलस्तर पर ब्रेक लगने की कोई संभावना नहीं दिख रही है।

बौरना पंचायत में फिर घुसा बाढ़ का पानी:

बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है, और बाढ़ प्रवण क्षेत्र खगड़िया जिले के गोगरी प्रखंड अंतर्गत बौरना पंचायत में बाढ़ का पानी एक बार फिर प्रवेश कर गया है। पंचायत के वार्ड नंबर चार, आठ, नौ और 10 बुरी तरह बाढ़ की चपेट में आ गए हैं, हालांकि अभी घरों में पानी प्रवेश नहीं किया है। वार्ड नंबर चार की एक ग्रामीण सड़क बाढ़ के पानी में बह गई है, लेकिन आवागमन पर इसका विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।

गंगा और बूढ़ी गंडक का हाल:

बांध सुरक्षित, पर चिंता बरकरार:

बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल-एक, खगड़िया के कार्यपालक अभियंता राजीव भगत ने बताया कि गंगा और बूढ़ी गंडक खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं और इनके जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की आशंका है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि सभी बांध-तटबंध और आधारभूत संरचनाएं सुरक्षित हैं।