Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की राजनीति पहले से कहीं ज्यादा गर्म होती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जदयू कार्यालय का दौरा कर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावी तैयारियों को गंभीरता से लेने का खास संदेश दिया। उनका मुख्य फोकस बूथ स्तर पर संगठन को मज़बूत करने पर है।
एनडीए के नेतृत्व में नीतीश कुमार का लक्ष्य 2025 में 220 से अधिक सीटें जीतने का है। इस बारे में एनडीए की अहम बैठक में सभी जिला अध्यक्ष, विधायक, पार्षद और सांसद शामिल हुए। बैठक में पंचायत और विधानसभा स्तर पर विस्तार से चुनावी रणनीति तैयार की गई।
जदयू में कुछ सख्त नियम भी तय किए गए हैं। पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त नेताओं को इस बार टिकट नहीं मिलेगा। इसके अलावा, 75 वर्ष से अधिक उम्र के नेताओं को भी टिकट नहीं दिया जाएगा। जिन नेताओं के परिवार से एक से अधिक सदस्य चुनाव में उतरने का दावा कर रहे हैं, उनका टिकट भी काटा जा सकता है। साथ ही, जिन नेताओं का पिछले चुनाव में जीत या हार का अंतर 2000 वोटों तक रहा, उनके टिकट पर भी विचार होगा।
बैठक के मुख्य बिंदु:
सीटों का वितरण: जदयू इस बार लगभग 100-105 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है, जबकि 2020 में यह संख्या 115 थी।
उम्मीदवार चयन: नीतीश कुमार उम्मीदवारों का चयन सामाजिक समीकरण और पिछले चुनावी प्रदर्शन के आधार पर करना चाहते हैं।
नए चेहरे: कई क्षेत्रों में नए चेहरों को मौका देने पर विचार हो रहा है।
एनडीए गठबंधन: भाजपा और जदयू के बीच गठबंधन मजबूत है, हालांकि सीटों में हल्का फेरबदल संभव है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यकों के बीच जाकर सरकार के कामकाज और केंद्र से मिले पैकेज के बारे में जनता को बताने का निर्देश दिया। इस रणनीति में जदयू, भाजपा और अन्य घटक दलों के नेता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
वहीं, विपक्षी दल राजद ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी यादव का दावा है कि मतदाता सूची से तीन करोड़ बिहारियों के नाम हटाने की साजिश हो रही है, जिनमें अधिकांश दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग शामिल हैं। कांग्रेस ने भी मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका जताई और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से मुलाकात की।
बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज है। एनडीए में नीतीश कुमार के चेहरे पर आम सहमति है, वहीं विपक्षी महागठबंधन भी अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। 2025 का चुनाव बिहार की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।




