
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पहाड़ों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है! पवित्र श्रावण मास के दूसरे सोमवार और आगामी महाशिवरात्रि के पावन पर्व से ठीक पहले, उत्तराखंड के पौड़ी स्थित प्रसिद्ध सिद्ध बाबा नीलकंठ महादेव मंदिर में शिवभक्तों की असीमित भीड़ पहुंच चुकी है। हर-हर महादेव और बोल बम के जोरदार जयकारों से पूरा वातावरण गूंज रहा है, जो भक्तों की अदम्य श्रद्धा का साक्षी है।
महाशिवरात्रि से पहले ही पहुंचे भक्त: घंटों इंतजार का सिलसिला
दरअसल, महाशिवरात्रि के विशेष शुभ मुहूर्त पर बाबा नीलकंठ महादेव का जलाभिषेक करने की इच्छा से हजारों की संख्या में कांवड़ यात्री पहले ही नीलकंठ पहुंच गए हैं। वे सुल्तानगंज, हरिद्वार और ऋषिकेश के पावन घाटों से पवित्र गंगाजल लेकर यहाँ आए हैं। सोमवार के आगमन से पूर्व ही यहां भक्तों की इतनी लंबी कतारें लग चुकी हैं कि अपनी बारी के लिए उन्हें घंटों तक, कभी-कभी दो घंटे से भी ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है। बावजूद इसके, उनके चेहरे पर कोई शिकन नहीं है, बल्कि सिर्फ भक्ति और उत्साह झलक रहा है।
दुर्गम मार्ग पर अदम्य आस्था
भले ही लक्ष्मणझूला और रामझूला से नीलकंठ मंदिर तक का लगभग 22 किलोमीटर का पहाड़ी मार्ग काफी ढ़ालदार और पथरीला हो, और पैदल चलने में काफी मेहनत लगती हो, लेकिन भोले बाबा के भक्तों की अदम्य श्रद्धा और जोश में कहीं कोई कमी नहीं दिख रही। उनकी इस यात्रा में उनका उत्साह, समर्पण और 'बोल बम' का उद्घोष उन्हें निरंतर ऊर्जा दे रहा है।
पुख्ता इंतजामों में जुटा प्रशासन
इस असीमित भीड़ और लगातार बढ़ते कांवड़ियों के प्रवाह को देखते हुए, मंदिर और मेला प्रबंधन समिति के साथ-साथ पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह मुस्तैद है। कांवड़ मार्ग और मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं। भीड़ को व्यवस्थित करने, शांति बनाए रखने और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए चप्पे-चप्पे पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है। श्रद्धालुओं को हर संभव सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वे शांतिपूर्ण ढंग से अपनी पूजा-अर्चना कर सकें।
पूरा नीलकंठ क्षेत्र इन दिनों शिवभक्ति के रंग में सराबोर है, जो श्रावण मास की पवित्रता और भारत की धार्मिक आस्था की भव्यता को दर्शाता है।