Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लखनऊ में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष के उद्घाटन समारोह में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने विश्वविद्यालय के इतिहास और इसकी संस्कृति में योगदान पर विशेष प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री ने कहा, "भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय आज फर्श से अर्श तक की यात्रा कर चुका है। यह शताब्दी वर्ष केवल औपचारिक समारोह नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक चेतना और राष्ट्रबोध का प्रतीक है। पीढ़ी दर पीढ़ी इस संस्थान ने संगीत और नाटक के क्षेत्र में भारतीय संस्कृति को संजोकर रखा है।"
विश्वविद्यालय का इतिहास और महत्व
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1940 में रवींद्रनाथ टैगोर ने लखनऊ के इस संस्थान को विश्वविद्यालय के रूप में संबोधित किया था। हालांकि 1947 से 2017 तक विभिन्न सरकारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। 2022 में प्रदेश सरकार ने इसे आधिकारिक रूप से विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। यह उत्तर प्रदेश का पहला संस्कृति विश्वविद्यालय है।
उन्होंने आगे कहा कि कलाकारों को सम्मान और सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए। सरकार उनके स्वास्थ्य, प्रशिक्षण और रोजगार के लिए नीतियां बनाएगी।
संगीत और संस्कृति पर विचार
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, "कला और संस्कृति का पहला स्वर ओंकार है। यही नाद इस जगत की सच्चाई को दर्शाता है। पंडित विष्णु सहाय भातखंडे ने 1940 में संगीत और संस्कृति को आत्मसम्मान देने का प्रयास किया।"
उन्होंने महाकुंभ और युवा सहभागिता का भी उल्लेख किया। उनका कहना था कि युवा संस्कृति से विमुख नहीं हैं, उन्हें केवल सही मंच और अवसर चाहिए।
विश्वविद्यालय का नया भवन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने छह एकड़ भूमि प्रदान की है, जहां विश्वविद्यालय का नवीन भवन बनेगा। इसमें ओपन थियेटर, दो ऑडिटोरियम और लाइब्रेरी होगी। पुराने भवन को म्यूजियम में परिवर्तित किया जाएगा, जिसमें संस्थान के पूर्व शिक्षक, प्रसिद्ध छात्र और अन्य महत्वपूर्ण आंकड़े संग्रहित होंगे।
समारोह और सम्मान
शताब्दी वर्ष के उद्घाटन समारोह में कुलपति प्रो. मानवी सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और छात्रों ने कुलगीत प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय की टेबल बुक "Legacy of Excellence" का विमोचन किया।
पूर्व विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया, जिनमें कथक नृत्यांगना डा. पूर्णिमा पांडेय, पद्मश्री लोक गायिका मालिनी अवस्थी, गायिका दिलराज कौर और संगीत संयोजक केवल कुमार शामिल थे।




