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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा में पीएसी बल के योगदान को बेहद महत्वपूर्ण बताया। लखनऊ में 35वीं वाहिनी पीएसी महानगर में आयोजित पीएसी स्थापना दिवस समारोह-2025 में मुख्यमंत्री ने जवानों का उत्साह बढ़ाते हुए उन्हें संबोधित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पीएसी के 78 वर्ष के गौरवशाली इतिहास की चर्चा की और 47वीं वाहिनी को सर्वोत्तम वाहिनी, जबकि कृष्ण कुमार मिश्रा को सर्वोत्तम खिलाड़ी के रूप में सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कानून का राज और सुरक्षित माहौल ही सुशासन की नींव हैं। सुरक्षित निवेश और युवा आकांक्षाओं की पूर्ति भी इसी से संभव है। उन्होंने पीएसी बल की अनुशासन, शौर्य और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि सरकार ने पीएसी की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित कर कानून व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा को और मजबूत किया है।

पीएसी के जवानों की बहुमुखी भूमिका

मुख्यमंत्री ने जवानों के योगदान का हवाला देते हुए कहा कि संसद और अयोध्या परिसर पर हुए आतंकवादी हमलों में पीएसी जवानों ने अपनी कुशलता से आतंकवादियों को नष्ट किया। वर्तमान में पीएसी में 41,893 आरक्षी और 698 प्लाटून कमांडर कार्यरत हैं।

सरकार ने महिला आरक्षियों की भागीदारी भी बढ़ाई है। पहली बार तीन अतिरिक्त महिला वाहिनियों का गठन किया गया है और तीन और बटालियन तैयार की जा रही हैं। भर्ती प्रक्रिया वर्तमान में जारी है, जिसमें 1,648 प्लाटून कमांडर और 15,131 आरक्षी की सीधी भर्ती शामिल है।

जवानों के कल्याण और आधुनिक सुविधाएं

पीएसी बल के जवानों के कल्याण के लिए 31 पुलिस मॉडर्न स्कूल संचालित हैं और पहली बार बेस्ट परफॉर्मेंस पीएमएस का चयन भी किया गया। जवानों की आवश्यक वस्तुएं कम दाम पर उपलब्ध कराने के लिए 13 मास्टर कैंटीन और 103 सब्सिडियरी कैंटीन संचालित हैं।

पीएसी बल आपदा प्रबंधन, त्योहारों और चुनावी कार्यक्रमों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। बल को अत्याधुनिक हथियार और दंगा नियंत्रण उपकरण से लैस किया गया है। इसके साथ ही राज्य आपदा मोचन बल (SDRF) भी प्रदेश में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।

पुलिसिंग में आधुनिक बदलाव

मुख्यमंत्री ने बताया कि अब यूपी पुलिस का चेहरा बदल चुका है। टूटे-फूटे भवनों की जगह हाई-राइज भवन, अत्याधुनिक एफएसएल लैब्स और 17 नगर निगमों में सेफ सिटी प्रोजेक्ट लागू किया गया है। 44 हजार से अधिक महिला पुलिसकर्मी भी अब सुरक्षा और सुशासन में योगदान दे रही हैं।

उन्होंने जवानों को उनके साहस, अनुशासन और कठिन प्रशिक्षण के लिए बधाई दी। साथ ही खेल प्रतियोगिताओं में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को सम्मानित किया।