
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सेनाओं के बीच गुरुवार सुबह एक बार फिर तनाव बढ़ गया है। दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान के बारमाचा सीमा क्षेत्र में एक दूसरे पर गोलीबारी की। यह क्षेत्र पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के समानांतर स्थित है।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार सीमा पर नई चौकियों के निर्माण के कारण यह विवाद उत्पन्न हुआ है। उन्होंने बताया कि सुबह शुरू हुई गोलीबारी कुछ देर बाद बंद हो गई, लेकिन दोपहर में स्थिति फिर बिगड़ गई।
पाकिस्तान मानक समय के अनुसार, शाम 4:30 बजे के बाद दोनों ओर से गोलीबारी के साथ झड़पें पुनः शुरू हो गईं। अफगानिस्तान के हेलमंद प्रांत के अंतरिम प्रशासन के अधिकारियों ने भी झड़प की पुष्टि की है। सूत्रों के अनुसार इस दौरान पाकिस्तानी सेना ने टैंक तैनात किए और भारी तोपखाने से अफगान सीमा पर बनी चौकियों को निशाना बनाया।
पाकिस्तान और अफ़गानिस्तान कट्टर दुश्मन हैं।
यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तान और अफगान तालिबान आज कट्टर दुश्मन हैं और दोनों एक-दूसरे के सैनिकों की मौत पर जश्न मना रहे हैं। दरअसल, अफगान तालिबान समर्थक टीटीपी पाकिस्तान में अपनी सैन्य चौकियों पर कब्जा कर रहा है। पाकिस्तानी सेना के जनरल अब तक सभी युद्ध हारने के बाद भी अपने सीने पर कई पदक लेकर घूमते हैं। उनका मजाक किसी देश की सेना द्वारा नहीं बल्कि तहरीक-ए-तालिबान नामक आतंकवादी संगठन द्वारा उड़ाया जा रहा है।
पांच महीने पहले भी यहां हिंसा हुई थी।
करीब 5 महीने पहले पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के बाजौर के सलारजई इलाके में एक सैन्य शिविर में पाकिस्तानी सेना के जवान तैनात थे। लेकिन टीटीपी ने पाकिस्तानी सेना के सामने अपना झंडा लहराया। 28 दिसंबर को अफगान तालिबान ने पाकिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में बड़ा हमला किया। टीटीपी ने भी इसमें उनका समर्थन किया। कहा जा रहा है कि इस हमले में 19 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। इस हमले के बाद पाकिस्तानी सरकार हिल गई। इसके विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने भी माना कि तालिबान, जिसे पाकिस्तानी सरकार कई वर्षों से मदद कर रही थी, अब उसके लिए समस्या बन गया है।