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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : शहर की ट्रैफिक व्यवस्था दिनों-दिन बेकाबू होती जा रही है। जाम की वजह से आम लोगों की जिंदगी की रफ्तार थम सी गई है। चार साल पहले एक 'मोबिलिटी प्लान' बनाया गया था ताकि यातायात व्यवस्था को बेहतर किया जा सके, लेकिन ये योजना अब तक सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रही।

जब जिलाधिकारी सविन बंसल को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने नाराजगी जताई और योजना को प्रशासन के स्तर पर लागू करने की जिम्मेदारी खुद संभाल ली। उन्होंने MDDDA और लोनिवि के अभियंताओं को निर्देश दिए कि अब देरी नहीं चलेगी – तुरंत DPR (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जाए।

कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में डीएम ने कहा कि चार साल से यह योजना ठप पड़ी है जबकि इसी दौरान शहर की ट्रैफिक हालत बेहद खराब हो गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश हैं कि सुरक्षित और व्यवस्थित यातायात व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।

उन्होंने सभी संबंधित विभागों – ऊर्जा निगम, लोक निर्माण विभाग, पुलिस, परिवहन और राजमार्ग विभाग – को मिलकर काम करने का आदेश दिया। हर शनिवार डीएम खुद बैठक कर काम की समीक्षा करेंगे और अधिकारी गूगल शीट के जरिए प्रगति रिपोर्ट अपडेट करेंगे।

इस योजना के तहत इन बिंदुओं पर खास ध्यान दिया जाएगा:

सड़कों का विस्तार

पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मजबूत करना

साइकिल ट्रैक बनाना

जेब्रा क्रॉसिंग और चौराहों को दुरुस्त करना

ट्रैफिक लाइट सिस्टम को सुधारना

मुख्य और उप सड़कों पर साइन बोर्ड लगाना

इसके अलावा, चौराहों से 100 मीटर दूर स्टॉपेज बनाए जाएंगे ताकि ट्रैफिक का फ्लो बाधित न हो। पार्किंग की समस्या को देखते हुए ऑन स्ट्रीट और ऑफ स्ट्रीट पार्किंग व्यवस्था विकसित की जाएगी, साथ ही ऑटोमेटेड पार्किंग की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।

डीएम ने मोहब्बेवाला से राजपुर रोड और धूलकोट से कुआंवाला कारीडोर योजनाओं की समीक्षा कर रिपोर्ट स्पष्ट करने को कहा है। शहर के 10 प्रमुख चौराहों के लिए अलग-अलग कार्ययोजना भी बनाई जाएगी।

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने इस परियोजना के लिए पर्याप्त बजट का भरोसा भी दिलाया है, जिससे अब कोई बहाना नहीं चलेगा – प्रशासन को पूरी गंभीरता से काम करना होगा।