
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे सूक्ष्म कणों से युक्त यह जहरीली हवा फेफड़ों और हृदय पर सीधा असर डालती है। अस्थमा के रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह स्थिति ज़्यादा खतरनाक है। इस खतरनाक स्थिति से राहत पाने के लिए, जब तक बहुत ज़रूरी न हो, घर से बाहर निकलने से बचें, N95/N99 मास्क पहनें और घर में एयर प्यूरीफायर या तुलसी/नागफनी जैसे वायु शोधक पौधे लगाएँ। विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए खूब पानी पीना ज़रूरी है और समस्या बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दिवाली खत्म होते ही, उत्तर भारत के ज़्यादातर शहरों, खासकर दिल्ली-एनसीआर, की हवा एक बार फिर ज़हरीले स्तर पर पहुँच गई है। प्रदूषण और धुंध के कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है, जिसका सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।
इस प्रदूषित और जहरीली हवा का सबसे पहला और सबसे बड़ा असर फेफड़ों पर पड़ता है। प्रदूषित हवा के लगातार संपर्क में रहने से खांसी, गले में खराश, सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। खासकर जिन लोगों को पहले से ही अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसी सांस की बीमारियाँ हैं, उनके लिए यह हवा 'ज़हर' के समान साबित हो सकती है। छोटे बच्चे और बुजुर्ग भी इस जहरीले वातावरण के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं।
इसके अलावा, शोध बताते हैं कि प्रदूषित हवा न केवल फेफड़ों को, बल्कि हृदय को भी गंभीर नुकसान पहुँचाती है। प्रदूषित हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से दिल का दौरा, उच्च रक्तचाप और रक्त के थक्के जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, हवा में मौजूद जहरीले सूक्ष्म कण (पीएम 2.5 और पीएम 10) धीरे-धीरे शरीर में प्रवेश कर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं, जिनमें फेफड़ों का कैंसर प्रदूषण से जुड़ी सबसे आम समस्या है।
बाहर जाने से बचें: सबसे अच्छा उपाय यही है कि जब तक बहुत ज़रूरी न हो, बाहर जाने से बचें। अगर आपको बाहर जाना ही पड़े, तो N95 या N99 मास्क ज़रूर पहनें।
वायु शोधन: अपने घर की हवा को शुद्ध करने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। इसके अलावा, तुलसी, मनी प्लांट और स्नेक प्लांट जैसे इनडोर पौधे भी लगाएँ, जो प्राकृतिक रूप से हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं।
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करें: शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए खूब पानी पिएं।
तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: अगर आपको लगातार खांसी, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द या आँखों में लगातार जलन हो रही है, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर निदान और उपचार से स्थिति को गंभीर होने से रोका जा सकता है।