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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड को देश का एक प्रमुख निवेश गंतव्य बनाने के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विज़न को मूर्त रूप देने के लिए राज्य सरकार ने अब एक बेहद सक्रिय और नई रणनीति अपनाई है। हाल ही में हुए सफल ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के बाद, अब उत्तराखंड सरकार केवल निवेशकों का इंतज़ार नहीं कर रही, बल्कि स्वयं देश के शीर्ष उद्योगपतियों और बड़े व्यापारिक समूहों से संपर्क स्थापित कर रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने अपने सभी कैबिनेट मंत्रियों और प्रमुख सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे अब देश के कोने-कोने में जाएं और अग्रणी कंपनियों व प्रतिष्ठित औद्योगिक घरानों के प्रतिनिधियों से सीधे संवाद करें। इस नई रणनीति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में जो भारी-भरकम समझौता ज्ञापन (MoUs) हस्ताक्षरित हुए थे, वे सिर्फ कागजों तक ही सीमित न रहें, बल्कि वास्तविक रूप से ज़मीन पर उतरें।

राज्य सरकार ने ऐसे बड़े निवेश वाले उद्योगों को चिह्नित किया है जो उत्तराखंड में बड़े पैमाने पर रोज़गार सृजित कर सकते हैं और प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति दे सकते हैं। सरकार विशेष रूप से हॉस्पिटैलिटी (अतिथि सत्कार), स्वास्थ्य और आयुष (आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी) जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। गढ़वाल मंडल के टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जैसे ज़िलों में इन क्षेत्रों में अपार संभावनाएं देखी जा रही हैं।

मुख्यमंत्री लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं, ताकि हर निवेशक को आ रही चुनौतियों को समय रहते दूर किया जा सके और 'सिंगल विंडो' सुविधा के तहत निवेश प्रक्रिया को पूरी तरह से सुगम बनाया जा सके। धामी सरकार की यह नई पहल उत्तराखंड को निवेशकों के लिए एक सुरक्षित, आकर्षक और तेज़ विकास वाले राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिसका अंतिम लक्ष्य प्रदेश की जनता के लिए आर्थिक समृद्धि और लाखों नए रोज़गार के अवसर पैदा करना है।