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पराली जलाने का असर भी साफ दिखाई दे रहा है। पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में खेतों में पराली जल रही है। अकेले पंजाब में बुधवार को 79 जगह पराली जली, और अब तक कुल 484 घटनाएँ दर्ज की जा चुकी हैं। यह पिछले साल की तुलना में काफी कम है—2024 में इसी समय तक 1,581 मामले सामने आए थे।
AQI के आंकड़े भी चिंताजनक हैं। जालंधर में 328, अमृतसर में 306, दिल्ली में 305 और लुधियाना में 305 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। हालांकि दिल्ली में हल्का सुधार दिखा, लेकिन हवा अभी भी स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण है। CPCB के ‘समीर’ एप के अनुसार, दिल्ली के 38 निगरानी स्टेशनों में से 23 में वायु गुणवत्ता बहुत खराब दर्ज की गई।
हरियाणा की हवा भी प्रदूषित हो रही है। पंजाब में हालांकि पराली जलाने की घटनाएँ कम हुई हैं, लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान के पंजाब से उठता धुआँ भी समस्या बढ़ा सकता है। पंजाब यूनिवर्सिटी (PU) और PGI की संयुक्त टीम सेटेलाइट डेटा की मदद से आगजनी के मामलों पर नजर रख रही है।
इस समय जरूरत है कि लोग मास्क पहनकर बाहर निकलें और यदि संभव हो तो घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। साथ ही, प्रशासन को तत्काल प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है ताकि हवा को सांस लेने लायक बनाया जा सके।
 
                     
                      
                                         
                                 
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