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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पीजीआई चंडीगढ़ में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अस्पताल ने 73 वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टरों की नई भर्ती को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय हाल ही में हुई गवर्निंग बॉडी की बैठक में लिया गया। ये पद पीजीआई के विभिन्न विभागों में नॉन डीएम/एमसीएच श्रेणी के डॉक्टरों के लिए स्वीकृत किए गए हैं।

शासी निकाय ने अब वित्तीय विवरण के साथ यह प्रस्ताव स्वास्थ्य मंत्रालय को भेज दिया है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग से मंजूरी मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। पीजीआई प्रशासन का कहना है कि नए डॉक्टरों की नियुक्ति से मरीजों को इलाज के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा और डॉक्टरों पर काम का बोझ भी कम होगा।

मरीजों को लाभ होगा

पीजीआई एक प्रमुख रेफरल अस्पताल है, जहां उत्तर भारत के कई राज्यों से मरीज इलाज के लिए आते हैं। सीमित स्टाफ के कारण, मरीजों को कभी-कभी लंबी प्रतीक्षा सूची का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाना समय की मांग बन गई थी। अब नई भर्ती से मरीजों को तत्काल उपचार मिल सकेगा।

इसके अलावा एडवांस आई सेंटर (एईसी) के तहत बच्चों के लिए हाई डिपेंडेंसी यूनिट (एचडीयू) में 6 नए वरिष्ठ डॉक्टरों (सीनियर रेजिडेंट) की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई है। पिछले एक साल से इस यूनिट में डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही है। वर्तमान में यहां 8 बिस्तरों वाला एच.डी.यू. है। यह यूनिट केवल तीन वरिष्ठ रेजीडेंट डॉक्टरों के भरोसे चल रही है, जो 24 घंटे मरीजों की देखभाल कर रहे हैं।

आरओपी, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों के इलाज में तेजी आएगी

विभाग के अनुसार नवजात शिशुओं में रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमैच्योरिटी (आरओपी), रेटिना संबंधी रोग, मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। एच.डी.यू. यूनिट में ऐसे बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है, इसलिए डॉक्टरों की संख्या बढ़ाने की अनुमति दी गई है।

पीजीएई प्रशासन को भरोसा है कि स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी के बाद वित्त मंत्रालय से भी जल्द मंजूरी मिल जाएगी और भर्ती प्रक्रिया तुरंत शुरू की जा सकेगी। इससे मरीजों को काफी लाभ होगा और स्थान की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।