
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिका में एच-1बी वीज़ा को लेकर बढ़ते विवाद और वीज़ा शुल्क में बढ़ोतरी भारतीय पेशेवरों के लिए मुश्किलें बढ़ा रही है। ऐसे समय में, जर्मनी भारतीय प्रतिभाओं के लिए एक बेहतरीन विकल्प के रूप में उभर रहा है। भारत में जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने हाल ही में भारतीय युवाओं से आईटी, प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध नौकरियों का लाभ उठाने की अपील की। जर्मनी की मज़बूत अर्थव्यवस्था और स्थिर आव्रजन नीतियाँ भारतीयों के लिए एक आकर्षक करियर पथ प्रदान कर सकती हैं, जहाँ वे भारत में अच्छी कमाई और अच्छी बचत कर सकते हैं।
जर्मन राजदूत की अपील
जर्मन राजदूत फिलिप एकरमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस बारे में लिखा। उन्होंने उच्च कुशल भारतीय पेशेवरों से जर्मनी के स्थिर आव्रजन नियमों और बेहतरीन करियर विकास के अवसरों का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने आईटी, प्रबंधन, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्ध नौकरियों का विशेष रूप से उल्लेख किया। चूँकि जर्मनी यूरोप की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्था है, इसलिए वहाँ की नौकरियाँ न केवल उच्च वेतन प्रदान करती हैं, बल्कि एक स्थिर और सुरक्षित भविष्य भी प्रदान करती हैं।
यूरो और रुपया विनिमय दर
अगर आप पढ़ाई या नौकरी के सिलसिले में जर्मनी जाने की योजना बना रहे हैं, तो भारतीय रुपये और यूरो के बीच विनिमय दर को समझना बेहद ज़रूरी है। मौजूदा बाज़ार मूल्य के अनुसार, एक लाख भारतीय रुपया जर्मनी में लगभग 955.95 यूरो के बराबर है। यह विनिमय दर अंतरराष्ट्रीय बाज़ार पर निर्भर करती है और इसमें उतार-चढ़ाव होता रहता है। पिछले कुछ समय से भारतीय रुपया यूरो के मुकाबले कमज़ोर हो रहा है, जिसकी वजह से यूरोपीय मुद्रा के मुकाबले रुपया लगातार दबाव में है।
हालाँकि, जर्मनी में अर्जित उच्च वेतन भारतीय रुपये में भेजे जाने पर कहीं अधिक मूल्यवान हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति 10 लाख रुपये लेकर जर्मनी में पढ़ाई करने जाता है, तो उसे लगभग 9,559 यूरो मिलेंगे। लेकिन, जर्मनी में अर्जित यूरो भारत में भेजे जाने पर कहीं अधिक मूल्यवान हो सकते हैं, जो भारतीय पेशेवरों के लिए एक बड़ा आर्थिक लाभ है। यही कारण है कि जर्मनी अब भारतीय प्रतिभाओं के लिए एक आकर्षक गंतव्य के रूप में उभर रहा है।