
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर के कपाट शुक्रवार दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके लिए सभी तैयारियां पहले से पूरी की जा चुकी थीं। उत्सव को खास और यादगार बनाने के लिए पंजाब से पूर्व सैनिक बैंड और गढ़वाल स्काउट बैंड भी घांघरिया पहुंचे।
सुबह-सुबह यात्रियों का जत्था घांघरिया से हेमकुंड साहिब के लिए रवाना हुआ। धाम में दो फीट से अधिक बर्फ जमा हुई है, जबकि हेमकुंड से अटलाकोटी तक लगभग तीन किलोमीटर क्षेत्र में भी बर्फ की सफेद चादर बिछ चुकी है।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के मुख्य कार्याधिकारी सरदार सेवा सिंह ने बताया कि 1,500 से अधिक यात्री कपाट बंद होने के उत्सव में शामिल होने के लिए गुरुवार को घांघरिया पहुंच गए। अमेरिका, कनाडा और मलेशिया से भी श्रद्धालु आए। बर्फ देखकर उनकी खुशी देखते ही बन रही थी। गुरुद्वारा और लक्ष्मण मंदिर को फूलों से सजाकर भव्य रूप दिया गया था।
हेमकुंड साहिब के मुख्य ग्रंथी हमीर सिंह ने कहा कि कपाट बंद करने के कार्यक्रम को खास बनाने के लिए अमृतसर से खजूरी रागी बंधु मनिंद्र सिंह का जत्था भी घांघरिया पहुंचा।
कपाट बंद करने का कार्यक्रम:
- सुबह 4:00 बजे: घांघरिया से जत्थों के रूप में हेमकुंड साहिब के लिए प्रस्थान
- सुबह 10:00 बजे: गुरुद्वारा में सुखमणि साहिब का पाठ
- सुबह 11:15 बजे: सबद कीर्तन
- दोपहर 12:15 बजे: यात्राकाल की अंतिम अरदास
- दोपहर 12:30 बजे: गुरुग्रंथ साहिब से हुक्मनामा
- दोपहर 1:00 बजे: गुरुद्वारा साहिब के कपाट बंद, इससे पहले निशान साहिब पर चोला चढ़ाया गया
इस भव्य और आध्यात्मिक कार्यक्रम ने सभी यात्रियों और श्रद्धालुओं के लिए एक यादगार अनुभव बना दिया।