Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले मसाले न सिर्फ स्वाद बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी 'सुपरफूड' माने जाते हैं। इनमें कच्ची हल्दी का विशेष स्थान है। आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में या सामान्य दिनों में कच्ची हल्दी का सेवन शरीर के लिए संजीवनी के समान सिद्ध हो सकता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व कई गंभीर बीमारियों से बचाव में सहायक होते हैं।

भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले मसाले न केवल भोजन का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि स्वास्थ्य के लिए 'सुपरफूड' भी माने जाते हैं। इन सभी मसालों में कच्ची हल्दी का विशेष महत्व है। आयुर्वेद के अनुसार, कच्ची हल्दी का सेवन, विशेषकर सर्दियों में और सामान्य दिनों में भी, शरीर के लिए वरदान साबित हो सकता है। प्राकृतिक तत्वों से भरपूर हल्दी कई गंभीर बीमारियों से शरीर को बचाती है।

कच्ची हल्दी को महज एक साधारण मसाला न समझें, क्योंकि यह औषधीय गुणों का खजाना है। इसमें मुख्य रूप से 'करक्यूमिन' नामक एक चमत्कारी तत्व पाया जाता है, जो सूजनरोधी और एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करता है। इसके अलावा, यह विटामिन सी, फाइबर, विटामिन बी-कॉम्प्लेक्स, आयरन, पोटेशियम और जिंक जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर है, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं।

मौसम बदलने पर अक्सर बीमार पड़ने वालों के लिए कच्ची हल्दी एक प्राकृतिक 'रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला' उपाय है। यह कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और वायरल संक्रमण से बचाती है। यह आंतों के स्वास्थ्य के लिए भी रामबाण है। यदि आप गैस, पेट फूलना या अपच जैसी समस्याओं से परेशान हैं, तो कच्ची हल्दी का सेवन करने से पाचन क्रिया में सुधार होता है।

बढ़ती उम्र या सर्दियों के मौसम में कई लोगों को जोड़ों में दर्द और मांसपेशियों में अकड़न की समस्या होती है। इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए हानिकारक दर्द निवारक दवाओं के बजाय कच्ची हल्दी का इस्तेमाल करना बेहतर है। इसके सूजनरोधी गुण जोड़ों की सूजन को कम करने और दर्द से प्राकृतिक रूप से राहत दिलाने में मदद करते हैं।

कच्ची हल्दी का सेवन करने का सही तरीका जानना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। रात को सोने से पहले गर्म दूध में उबली हुई कच्ची हल्दी का सेवन करना (जिसे 'गोल्डन मिल्क' कहा जाता है) या सुबह खाली पेट गर्म पानी में हल्दी मिलाकर इसका रस पीना सबसे अच्छा परिणाम देता है। नियमित रूप से ऐसा करने से शरीर की आंतरिक कार्यक्षमता बढ़ती है।

कच्ची हल्दी हृदय और मस्तिष्क दोनों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और हृदय रोग के खतरे को कम करने में सहायक होते हैं। यह रक्त को शुद्ध करती है और शरीर को प्राकृतिक रूप से विषाक्त पदार्थों से मुक्त करती है। इतना ही नहीं, इसके औषधीय गुण मस्तिष्क की कोशिकाओं को सक्रिय रखने और याददाश्त बढ़ाने में भी कारगर साबित हुए हैं।




