Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मौसम बदलने के साथ ही बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन दिनों वायरल फ्लू या इन्फ्लूएंजा वायरस का असर ज़्यादा दिखाई दे रहा है। लोग अक्सर खांसी, बुखार और गले में खराश जैसे लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन यह लापरवाही गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती है।

लगातार बुखार: वायरल फ्लू का पहला और सबसे आम लक्षण बार-बार बुखार आना है। अगर आपके शरीर का तापमान लगातार बढ़ रहा है, तो यह न समझें कि यह कोई सामान्य वायरल संक्रमण है और डॉक्टर से सलाह लें।

गले में खराश: इन्फ्लूएंजा वायरस गले को प्रभावित करता है। दर्द, सूजन या गले में खराश वायरल फ्लू का लक्षण हो सकता है। इसे नज़रअंदाज़ करने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

लगातार खांसी और कफ: अगर खांसी कई दिनों तक बनी रहे और साथ में कफ भी आए, तो यह सामान्य सर्दी-ज़ुकाम नहीं, बल्कि वायरल फ्लू हो सकता है। खासकर रात में खांसी आना इस संक्रमण का संकेत है।

तेज़ सिरदर्द और थकान: वायरल फ्लू शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमज़ोर कर देता है, जिससे तेज़ सिरदर्द, थकान और कमज़ोरी होती है। अगर नज़रअंदाज़ किया जाए तो ये लक्षण लंबे समय तक बने रह सकते हैं।

ठंड लगना और शरीर में दर्द: अचानक ठंड लगना और मांसपेशियों में दर्द इन्फ्लूएंजा के मुख्य लक्षण हैं। कभी-कभी, यह इतना गंभीर हो जाता है कि दैनिक गतिविधियाँ करना मुश्किल हो जाता है।

बहती नाक: वायरल फ्लू के कारण अक्सर नाक बंद हो जाती है, नाक बहने लगती है और सांस लेने में कठिनाई होती है।

भूख न लगना: इन्फ्लूएंजा के दौरान पाचन तंत्र भी प्रभावित हो सकता है। मरीजों को भूख न लगने और पेट में तकलीफ बढ़ने का अनुभव होता है। इस स्थिति में संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पीना ज़रूरी है।




