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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अहमदाबाद में एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद बोइंग विमानों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। 12 जून से पहले भी बोइंग विमान बड़ी दुर्घटनाओं का शिकार हो चुके हैं। अब बोइंग के एक और उत्पाद ने दुनिया का ध्यान खींचा है और वह है बोइंग बम।

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग बम को करीब दो दशक पहले अमेरिकी वायुसेना के लिए विकसित किया गया था। इजरायल-ईरान युद्ध में बोइंग बम की चर्चा इसलिए हो रही है क्योंकि इसका इस्तेमाल ईरान के परमाणु ठिकानों को उड़ाने में किया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरान के खिलाफ लड़ाई में इजरायल का खुलकर समर्थन कर रहे हैं, जिसकी वजह से इस युद्ध में बोइंग के इस्तेमाल की बात हो रही है।

इजराइल का कहना है कि उसने ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकने के लिए यह हमला किया। हमले खास तौर पर उन इलाकों में किए गए, जहां ईरान की प्रमुख परमाणु सुविधाएं हैं, जैसे कि नतांज और इस्फ़हान, और अगला लक्ष्य फ़ोर्डो है। इजराइल जानता है कि अगर उसे ईरान को परमाणु हथियार विकसित करने से रोकना है, तो उसे तेहरान से 125 किलोमीटर दूर क़ोम शहर के पास एक पहाड़ में लगभग 300 फ़ीट की गहराई में बने फ़ोर्डो ईंधन संवर्धन संयंत्र को नष्ट करना होगा।

इजरायल के लिए फोर्डो प्लांट पर हमला करना इतना आसान नहीं है। फोर्डो प्लांट को नष्ट करने के लिए इजरायल को जिन हथियारों की जरूरत है, वे उसके शस्त्रागार में मौजूद नहीं हैं, इसलिए बोइंग बम की चर्चा हो रही है। बोइंग बम अमेरिकी वायुसेना के सबसे खतरनाक हथियारों की सूची में शामिल है। बोइंग के GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) को बंकर बस्टर के तौर पर जाना जाता है।

2003 में अमेरिका ने एक शक्तिशाली बंकर बस्टर खरीदने का फैसला किया जो गहराई तक घुसकर लक्ष्यों को नष्ट कर सकता था। अमेरिकी रक्षा खतरा न्यूनीकरण एजेंसी ने इसकी पहल की और बोइंग को इसके डिजाइन और निर्माण का ठेका दिया गया।

बोइंग का बम कितना शक्तिशाली है? 
GBU-57 A/B मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर अमेरिका की अत्याधुनिक बंकर बस्टिंग तकनीक का उपयोग करता है। इसका वजन 30,000 पाउंड (13,600 किलोग्राम) है और यह 20.5 फीट लंबा है, जो भूमिगत होकर भी भूमिगत लक्ष्यों को नष्ट कर सकता है। इसका वजन इतना अधिक है कि इसे केवल B-2 स्पिरिट जैसे अमेरिकी बमवर्षकों में ही लगाया जा सकता है।

बोइंग बम की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यह 130 फीट तक की चट्टान को भेद सकता है, जबकि 200 फीट तक की कंक्रीट सतह को भेदने की क्षमता रखता है। इसमें लगा जीपीएस इसे लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करता है।