
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बारिश का मौसम शुरू होते ही बाजार में सब्जियों की भरमार हो जाती है, लेकिन इस मौसम में खानपान का खास ख्याल रखना जरूरी है। कई लोग मानते हैं कि मानसून में बैंगन खाना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, जबकि कुछ इसे पौष्टिक सब्जी समझकर आराम से खाते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या वाकई बारिश के मौसम में बैंगन खाने से बचना चाहिए? फरवरी से अक्टूबर तक मिलने वाला बैंगन विटामिन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, लेकिन मानसून के दौरान इसका असर, मौसमी नमी और शरीर के इम्यून सिस्टम पर इसका असर अलग-अलग हो सकता है। इस विषय पर विशेषज्ञों की राय जानना जरूरी है, ताकि सही फैसला लिया जा सके।
डॉ. प्रह्लाद प्रसाद कहते हैं कि बैंगन एक गर्म सब्जी है और बरसात के मौसम में हमारा पाचन तंत्र पहले से ही थोड़ा कमज़ोर हो जाता है। ऐसे में बैंगन जैसी गर्म और गैस बनाने वाली सब्जी का सेवन शरीर में सूजन, एसिडिटी और त्वचा की एलर्जी जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
बरसात के मौसम में बैंगन से किसे बचना चाहिए?
- एलर्जी वाले लोग: यदि आपको त्वचा की एलर्जी, एक्जिमा या खुजली है, तो मानसून के दौरान बैंगन से दूर रहें।
- गैस और एसिडिटी की शिकायत: बैंगन में सोलनिन नामक तत्व होता है, जो पेट में गैस और सूजन बढ़ा सकता है।
- गर्भवती महिलाएं: आयुर्वेद के अनुसार, बैंगन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान इसके बारे में सावधान रहना महत्वपूर्ण है।
क्या बैंगन पूरी तरह से हानिरहित है?
बैंगन पूरी तरह से हानिरहित नहीं है। अगर इसे ताज़ा और ठीक से पकाकर खाया जाए, तो यह आयरन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत हो सकता है। लेकिन मानसून के दौरान इसे सीमित मात्रा में खाना बेहतर है।
कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां
- हमेशा ताजा और चमकदार बैंगन खरीदें।
- बैंगन को अच्छी तरह धो लें, नमक में भिगो दें और किसी भी कीटनाशक या बैक्टीरिया को हटाने के लिए इसे पकाएं।
- रात में बैंगन खाने से बचें, खासकर बरसात के मौसम में।
- बच्चों और बुजुर्गों को बैंगन देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें।
बरसात के मौसम में बैंगन खाने पर पूरी तरह से पाबंदी नहीं है, लेकिन इसके असर और शरीर की स्थिति को देखते हुए सावधानी बरतना ज़रूरी है। सही मात्रा में और सही तरीके से पकाए जाने पर बैंगन नुकसान नहीं पहुँचाता, वहीं एलर्जी या पाचन संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए इससे दूर रहना ही समझदारी होगी।