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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : दक्षिणी गाज़ा के नासिर अस्पताल पर इज़राइली हवाई हमले में कम से कम 15 लोग मारे गए हैं। अस्पताल पहले से ही दवाओं और कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। इस बीच, इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि अगर लेबनान 2025 तक हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र कर देता है, तो इज़राइल लेबनान से अपने सैनिकों को वापस बुला सकता है।

गाजा पट्टी और लेबनान से जुड़ी घटनाओं ने पश्चिम एशिया में तनाव को और बढ़ा दिया है। इज़राइल ने दक्षिणी गाजा के सबसे बड़े नासिर अस्पताल पर हवाई हमला किया, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए। दूसरी ओर, इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने संकेत दिया है कि अगर हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र कर दिया जाता है, तो इज़राइल लेबनान से अपने सैनिकों को वापस बुला सकता है।

गाजा के खान यूनिस इलाके में स्थित नासिर अस्पताल को सोमवार को निशाना बनाया गया। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अस्पताल की चौथी मंजिल पर दो मिसाइलें दागी गईं। पहली मिसाइल अस्पताल की चौथी मंजिल पर लगी और दूसरी बचावकर्मियों के घटनास्थल पर पहुँचने के कुछ ही देर बाद दागी गई। इसे 'डबल-टैप स्ट्राइक' कहा गया। इस हमले में कई पत्रकारों समेत कम से कम 15 लोग मारे गए।

नासिर अस्पताल लंबे समय से संघर्ष कर रहा है।

नासिर अस्पताल दक्षिणी गाज़ा का सबसे बड़ा अस्पताल है। 22 महीने से चल रहे युद्ध के दौरान यह कई हमलों और छापों का निशाना रहा है। अस्पताल के अधिकारियों का कहना है कि दवाओं और कर्मचारियों की भारी कमी के बावजूद यह अभी भी मरीज़ों की सेवा कर रहा है। अधिकारियों ने कहा कि स्थिति इतनी बिगड़ गई है कि बुनियादी इलाज भी मुश्किल हो रहा है।

लेबनान पर इज़राइल का रुख

इस बीच, इज़राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने लेबनानी कैबिनेट के हालिया फ़ैसले का स्वागत किया है, जिसमें 2025 के अंत तक हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र करने का प्रस्ताव है। नेतन्याहू ने कहा कि अगर लेबनान इस दिशा में ठोस कदम उठाता है, तो इज़राइल चरणबद्ध तरीके से दक्षिणी लेबनान से अपने सैनिकों को वापस बुला सकता है।

हिज़्बुल्लाह और इज़राइल के बीच गतिरोध

इज़राइल-हिज़्बुल्लाह युद्ध पिछले साल नवंबर में अमेरिकी मध्यस्थता से समाप्त हुआ था। हालाँकि, हिज़्बुल्लाह ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक इज़राइल लेबनान की पाँच पहाड़ियों से पीछे नहीं हट जाता और अपने लगभग रोज़ाना के हवाई हमले बंद नहीं कर देता, तब तक वह निरस्त्रीकरण पर बात नहीं करेगा। इन हमलों में सैकड़ों लोग मारे गए हैं या घायल हुए हैं, जिनमें से ज़्यादातर हिज़्बुल्लाह के सदस्य हैं।

अमेरिकी दबाव और आगे का रास्ता

अमेरिका बेरूत पर हिज़्बुल्लाह को कमज़ोर करने के लिए लगातार दबाव बना रहा है। 14 महीने से चल रहे युद्ध में संगठन को पहले ही भारी नुकसान उठाना पड़ा है और इसके कई शीर्ष नेता मारे जा चुके हैं। अब देखना यह है कि लेबनान सरकार हिज़्बुल्लाह को निरस्त्र करने में कितनी सफल होती है और क्या इज़राइल वास्तव में अपने सैनिकों को वापस बुलाता है। इस समय, गाजा और लेबनान, दोनों मोर्चों पर तनाव चरम पर है।