img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की हालिया जिज्ञासा का जवाब दिए बिना ही लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के लिए एक उपयुक्त विधानसभा सीट की तलाश शुरू हो गई है। एनडीए की ओर से मिलने वाली सीटों की सूची का इंतजार किया जा रहा है, ताकि चिराग के लिए सही विधानसभा क्षेत्र तय किया जा सके।

20 जून को सिवान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान मंच पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चिराग से यह सवाल किया था कि जब वे पहले से ही केंद्र में मंत्री हैं, तो विधानसभा चुनाव लड़ने की जरूरत क्यों महसूस कर रहे हैं। इस पर चिराग ने जवाब देते हुए कहा कि वे पार्टी के फैसलों के अनुसार चल रहे हैं। अगर विधानसभा चुनाव लड़ना पड़ा, तो नामांकन से पहले वह मुख्यमंत्री का आशीर्वाद जरूर लेंगे।

लोजपा (रामविलास) के सांसद और बिहार प्रभारी अरुण भारती के अनुसार, राज्य इकाई ने चिराग से विधानसभा चुनाव लड़ने का आग्रह किया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि चिराग ने अब तक सहमति दी है या नहीं।

चिराग के संभावित चुनावी मैदान में उतरने की खबर ने एनडीए के घटक दलों को सतर्क कर दिया है, खासकर जेडीयू को। दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में जब चिराग ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था, तो जेडीयू को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था और पार्टी महज 45 सीटों पर सिमट गई थी।

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि इस बार भी चिराग की चुनाव लड़ने की बात बीजेपी और जेडीयू पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है ताकि उनकी पार्टी को ज्यादा सीटें मिल सकें। लोजपा (रा) के प्रवक्ता मनीष सिंह ने बताया कि एनडीए से मिलने वाली सीटों की संख्या और क्षेत्र तय होने के बाद ही इस विषय में कोई ठोस जानकारी दी जा सकेगी।

चिराग नहीं पहुंचे उद्घाटन में शामिल होने
पटना के कच्ची दरगाह में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा नदी पर बन रहे छह लेन पुल के एक हिस्से का उद्घाटन किया, जिसकी लागत करीब पांच करोड़ रुपये है। यह पुल हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।

गौरतलब है कि चिराग पासवान इसी क्षेत्र से सांसद हैं और पुल के शिलालेख पर उनका नाम भी दर्ज है, बावजूद इसके वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। हालांकि, लोजपा (रा) की वैशाली जिला इकाई के कई नेता और कार्यकर्ता समारोह में मौजूद रहे।