
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : कढ़ी पत्ता सिर्फ खाने का स्वाद नहीं बढ़ाता, बल्कि यह कई स्वास्थ्य लाभ भी देता है। आमतौर पर लोग अपने घरों में इसका पौधा जरूर लगाते हैं, लेकिन सही देखभाल न होने पर इसकी पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं या पौधा सूखने लगता है।
अगर आप चाहते हैं कि आपका कढ़ी पत्ते का पौधा घना, हरा-भरा और लंबे समय तक फलदायी बना रहे, तो घर पर बनी नेचुरल खाद का इस्तेमाल करना बेहद असरदार तरीका हो सकता है। आइए जानते हैं कुछ सस्ते, आसान और कारगर देसी खाद बनाने के उपाय।
क्यों जरूरी है खाद देना?
कढ़ी पत्ते का पौधा दिखने में भले ही छोटा हो, लेकिन इसे भी पोषण की जरूरत होती है। अच्छी खाद पौधे की जड़ों को मजबूत करती है, नई शाखाओं को बढ़ने में मदद करती है और पत्तियों को हरा रखती है। रासायनिक खाद की बजाय अगर आप प्राकृतिक खाद का इस्तेमाल करेंगे, तो पौधा ज्यादा दिनों तक स्वस्थ और कीटमुक्त रहेगा।
घर पर बनाएं ये 5 असरदार प्राकृतिक खाद
1. केले के छिलके की खाद
केले के छिलके में भरपूर पोटैशियम, फॉस्फोरस और कैल्शियम होते हैं जो पौधे की ग्रोथ के लिए जरूरी होते हैं।
कैसे बनाएं:
2-3 केले के छिलकों को छोटे टुकड़ों में काट लें।
इन्हें 2-3 दिन पानी में भिगोकर रखें।
बाद में उस पानी को पौधे की जड़ों में डालें।
चाहें तो छिलकों को सुखाकर पीसकर मिट्टी में मिला सकते हैं।
2. अंडे के छिलके की खाद
अंडे के छिलकों में मौजूद कैल्शियम पौधे की जड़ों को मजबूत बनाता है और पत्तियां हरी रखता है।
कैसे बनाएं:
4-5 अंडों के छिलकों को धूप में सुखाएं और पीस लें।
इस पाउडर को पौधे की मिट्टी में मिला दें।
3. एप्सम सॉल्ट का घोल
मैग्नीशियम से भरपूर एप्सम सॉल्ट पौधे को घना और चमकदार बनाता है।
कैसे बनाएं:
1 लीटर पानी में 1 चम्मच एप्सम सॉल्ट मिलाएं।
महीने में एक बार इस घोल से पौधे को सिंचाई करें।
4. गुड़ और छाछ वाला खाद
इस देसी खाद में मौजूद फायदेमंद बैक्टीरिया मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं।
कैसे बनाएं:
1 कप छाछ और 1 चम्मच गुड़ को 1 लीटर पानी में मिलाएं।
इस मिश्रण को 4-5 दिन फर्मेंट होने दें।
फिर इसे पौधे में डालें।
5. नीम की खली
नीम की खली एक प्राकृतिक कीटनाशक है जो मिट्टी को पोषण भी देती है।
कैसे बनाएं:
नीम की खली को पानी में 2-3 दिन भिगोकर रखें।
इसके बाद उस पानी को छानकर पौधे में डालें।
कढ़ी पत्ते की देखभाल के आसान टिप्स
पौधे को रोज 4-5 घंटे की सीधी धूप जरूर दें।
अधिक पानी देने से बचें – इससे जड़ सड़ सकती है।
हर 2-3 महीने में हल्की छंटाई करते रहें ताकि नई पत्तियां निकलें।