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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : देशभर में इस समय पवित्र कांवड़ यात्रा अपने चरम पर है, जिसमें लाखों शिवभक्त पैदल या धीमी गति से हरिद्वार और गंगोत्री जैसे धामों से गंगाजल लेने जा रहे हैं। इसी दौरान सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। सहारनपुर जिले में पुलिस प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए डाक कांवड़ियों के चार पहिया वाहनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम हादसों को रोकने और पैदल कांवड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।

कहां और कब तक लागू है प्रतिबंध?
दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर गणेशपुर पुल से लेकर हरिद्वार जिले की सीमा तक सभी प्रकार के चार पहिया वाहनों, पिकअप और ट्रकों जैसे बड़े वाहनों पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। यह प्रतिबंध 18 जुलाई की शाम 5 बजे से कांवड़ यात्रा के समाप्त होने तक प्रभावी रहेगा।

क्यों लिया गया यह फैसला?
पुलिस के अनुसार, कुछ 'डाक कांवड़ियां' (जो निश्चित समय में तेज़ गति से यात्रा पूरी करने का प्रयास करते हैं) बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को अपने वाहनों में भरकर तेज रफ्तार से यात्रा करते हैं। उनकी यह अत्यधिक गति पैदल चलने वाले अन्य कांवड़ियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है, जिससे सड़क हादसों का खतरा बढ़ जाता है। इन दुर्घटनाओं को रोकने और सड़कों पर चल रहे लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि रखने के लिए यह सख्त निर्णय लिया गया है।

निगरानी और वैकल्पिक व्यवस्था:
सहारनपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) डॉ. विपिन टाडा और एसपी देहात सूरज राय ने स्पष्ट किया है कि गणेशपुर बाईपास और रुड़की तरफ हरिद्वार जिला सीमा पर पुलिस टीमें तैनात रहेंगी जो हर आने-जाने वाले वाहन की कड़ी चेकिंग करेंगी। सामान्य यातायात को इस मार्ग से डायवर्ट किया जाएगा या स्थानीय व छोटे रास्तों का उपयोग करने की सलाह दी गई है। हालांकि, यह प्रतिबंध केवल उन वाहनों के लिए है जो तेज रफ्तार से डाक कांवड़ यात्रा कर रहे हैं; पैदल चलने वाले श्रद्धालुओं और आम वाहनों को तय वैकल्पिक मार्गों पर कोई दिक्कत नहीं होगी।

प्रशासन का उद्देश्य है कि पवित्र कांवड़ यात्रा शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो, जिससे कोई भी अप्रिय घटना न हो।