
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अब बुजुर्गों को ठगने के मामलों के साथ-साथ समाज में पैसों से जुड़ी धोखाधड़ी और बैंक से बड़ी रकम निकालने के बाद होने वाले अपराधों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। बैंक से अधिक राशि निकालने वाले लोगों को अब एक खास फॉर्म भरना होगा, जिसमें साइबर धोखाधड़ी से सावधान रहने की जरूरी जानकारियां भी दी जाएंगी। इस संबंध में पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने साइबर अपराधों पर नियंत्रण के लिए आदेश जारी किए हैं।
पुलिस कमिश्नर ने गुरुवार को साइबर सेल और साइबर थाने की समीक्षा बैठक में कहा कि 35 वर्ष से ऊपर के लोगों को विशेष रूप से साइबर सुरक्षा का प्रशिक्षण देने के लिए जनचौपाल का आयोजन किया जाएगा। हर गुरुवार को साइबर जागरूकता कार्यक्रम विभिन्न थानों, स्कूलों, गांवों, सार्वजनिक स्थानों और सामाजिक संस्थाओं में चलाए जाएंगे। थानों में स्थापित साइबर हेल्प डेस्क के माध्यम से नागरिकों को साइबर अपराधों की जानकारी, बचाव के तरीके और रिपोर्टिंग प्रक्रिया समझाई जाएगी।
साइबर जागरूकता कार्यक्रमों में खासतौर पर प्रोफेसर, डॉक्टर, शिक्षक, पेंशनर, ग्रामीण और किसान ऑडियो-विजुअल माध्यम से सजग बनाए जाएंगे। पुलिस कमिश्नर ने यह भी बताया कि अब साइबर अपराध की एफआईआर दर्ज कराने के लिए धनराशि की कोई न्यूनतम सीमा नहीं होगी। थाना प्रभारी अपने विवेक से साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कर सकेंगे।
साथ ही काल सेंटर से जुड़े साइबर अपराधों की गहराई से जांच और संगठित गिरोहों की जानकारी जुटाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साइबर अपराध में इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड की खरीदारी की जगह की भी जांच होगी। वाराणसी के दो साइबर कमांडो को लखनऊ में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो साइबर अपराध के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में सहायता करेंगे।