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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में पाई जाने वाली एक गंभीर बीमारी है, जिसका समय पर पता लगाना और इलाज बेहद ज़रूरी है। यह ग्रंथि मूत्राशय के नीचे स्थित होती है और वीर्य का निर्माण करती है। चूँकि यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, इसलिए शुरुआती दौर में इसके स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते, जिससे इसका निदान मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों के बारे में पता होना बेहद ज़रूरी है। नीचे बताए गए 5 लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई देने पर पुरुषों को तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। शुरुआती निदान से जान बच सकती है।

प्रोस्टेट कैंसर के मुख्य संकेत और लक्षण

प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों में प्रोस्टेट ग्रंथि में कोशिकाओं की असामान्य और घातक वृद्धि है। यह ग्रंथि लगभग अखरोट के आकार की होती है और मूत्रमार्ग को घेरे रहती है। हालाँकि ज़्यादातर मामलों में यह कैंसर धीरे-धीरे बढ़ता है, लेकिन इसके शुरुआती लक्षणों पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है।

  • पेशाब करने की आदतों में बदलाव

प्रोस्टेट कैंसर का सबसे आम और शुरुआती लक्षण पेशाब करने में कठिनाई है। इस ग्रंथि के बढ़ने से मूत्रमार्ग पर दबाव पड़ता है, जिससे निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:

  • पेशाब शुरू करने या रोकने में कठिनाई।
  • कमजोर या रुक-रुक कर पेशाब आना।
  • पेशाब करने के बाद भी ऐसा महसूस होना कि मूत्राशय पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है।
  • रात में बार-बार पेशाब करने के लिए उठना (नॉक्टुरिया)।

ये लक्षण सौम्य प्रोस्टेट वृद्धि (बीपीएच) के कारण भी हो सकते हैं, लेकिन इन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।

  • मूत्र या वीर्य में रक्त

यदि मूत्र (हेमट्यूरिया) या वीर्य (हेमेटोस्पर्मिया) में रक्त पाया जाता है, तो यह एक गंभीर संकेत है और इसके लिए तत्काल चिकित्सा की आवश्यकता होती है। यह प्रोस्टेट कैंसर या प्रोस्टेट से संबंधित किसी अन्य गंभीर समस्या का लक्षण हो सकता है।

  • यौन कार्य में समस्याएँ

प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती चरणों में यौन समस्याएं भी हो सकती हैं। इनमें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (नपुंसकता) और दर्दनाक स्खलन शामिल हैं। प्रोस्टेट ग्रंथि और उसके आसपास की नसें यौन क्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, और कैंसर इन क्रियाओं को सीधे प्रभावित कर सकता है।

  • श्रोणि या जांघ में दर्द

कुछ रोगियों को श्रोणि क्षेत्र (पेट के निचले हिस्से), जांघों (जांघों) और नितंबों में लगातार या रुक-रुक कर दर्द हो सकता है। यह प्रोस्टेट कैंसर का प्रारंभिक लक्षण भी हो सकता है। इस तरह के लगातार दर्द के लिए डॉक्टर से परामर्श करना ज़रूरी है।

  • रात में बार-बार पेशाब आना

बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि मूत्राशय पर दबाव डालती है, जिससे रात में बार-बार पेशाब के लिए जागना पड़ता है। इससे नींद में खलल पड़ता है और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

पीएसए रक्त परीक्षण का महत्व

प्रोस्टेट कैंसर के निदान में पीएसए (प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन) रक्त परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। यह परीक्षण रक्त में प्रोस्टेट द्वारा उत्पादित एक प्रोटीन के स्तर को मापता है। उच्च पीएसए स्तर कैंसर का संकेत हो सकता है, हालाँकि यह अन्य गैर-कैंसर संबंधी समस्याओं के कारण भी हो सकता है। 50 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों और जिनके परिवार में प्रोस्टेट कैंसर का इतिहास रहा है, उन्हें नियमित रूप से पीएसए परीक्षण करवाने की सलाह दी जाती है।