
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अगर आप अपने सपनों का घर बनाने के लिए जमीन खरीदने की सोच रहे हैं, तो सिर्फ लोकेशन या कीमत नहीं, बल्कि उस जमीन की प्रकृति भी ज़रूरी है। जमीन की गुणवत्ता और ऊर्जात्मक असर आपके भविष्य को प्रभावित कर सकती है। शास्त्रों और पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, कुछ आसान परीक्षणों से आप जान सकते हैं कि कोई भूमि रहने लायक है या नहीं।
कैसी जमीन पर घर बनाना होता है शुभ?
जिस भूमि पर प्राकृतिक रूप से फल-फूल या हरे-भरे पौधे उगते हों, वो जमीन बेहद शुभ मानी जाती है। ऐसी जगह घर बनाने से सुख-समृद्धि और वंशवृद्धि होती है।
अगर जमीन पर सामान्य पेड़-पौधे, घास या झाड़ियाँ हों, तो वह जमीन भी घर के लिए ठीक होती है।
लेकिन जिस जमीन पर न कोई हरियाली हो, न पेड़-पौधे—बल्कि वह बंजर या रेतीली हो—तो ऐसी भूमि से दूर रहना चाहिए। ऐसी जगहों पर घर बनवाने से परेशानियां, रोग और धन हानि हो सकती है।
गड्ढा परीक्षण से जानें जमीन फलेगी या नहीं
जमीन पर एक फीट लंबा और चौड़ा गड्ढा खोदें।
उसी गड्ढे को फिर से खुद की मिट्टी से भरें।
यदि मिट्टी कम पड़ जाए, तो वह जमीन अशुभ मानी जाती है—ऐसी जगह से नुकसान होता है।
अगर मिट्टी बराबर भर जाए, तो भूमि सामान्य है—जीवन ठीक-ठाक कटेगा।
यदि मिट्टी बच जाए, तो जमीन उत्तम है—घर में बरकत और समृद्धि बनी रहती है।
सूर्यास्त के समय करें पानी से जांच
सूर्यास्त के समय जमीन पर डेढ़ फीट गहरा गड्ढा बनाएं और उसमें पानी भर दें।
अगली सुबह देखें:
अगर पानी बचा हुआ मिले, तो जमीन उत्तम है।
अगर पानी सूख जाए लेकिन मिट्टी गीली हो, तो जमीन सामान्य मानी जाती है।
अगर पानी पूरी तरह से सूख जाए और मिट्टी में दरारें पड़ जाएं, तो ऐसी जमीन पर घर बनाना अशुभ होता है।