Prabhat Vaibhav,Digital Desk : लुधियाना पश्चिमी विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी को मिली शानदार जीत ने पार्टी को नई ऊर्जा और राहत दी है। इस सीट पर 10 हजार से ज्यादा वोटों से मिली जीत पार्टी के लिए सिर्फ उपचुनाव नहीं, बल्कि 2027 के चुनावों से पहले एक निर्णायक सेमीफाइनल जैसा साबित हो रही है।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में हार के बाद ऐसा लगने लगा था कि पार्टी की पकड़ ढीली पड़ने लगी है। पंजाब ही एकमात्र ऐसा राज्य बचा था जहां आम आदमी पार्टी की सरकार कायम है। इन हालातों में लुधियाना की इस जीत ने न सिर्फ पार्टी को मजबूती दी है, बल्कि भीतर ही भीतर पार्टी नेतृत्व से नाराज वॉलंटियरों के मन में भी नया भरोसा जगाया है।
इस उपचुनाव के दौरान पार्टी ने तीन महीने पहले ही राज्यसभा सांसद संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बना दिया था। हालांकि पहले उनका इस इलाके में खास प्रभाव नहीं था, लेकिन उनके शालीन व्यवहार और जनसंपर्क ने उन्हें जनता से जोड़ दिया और आखिरकार उन्होंने तिकोने मुकाबले में 10 हजार वोटों से जीत दर्ज की।
एक और खास बात यह रही कि इस चुनाव में महज 51 फीसदी मतदान हुआ, जो अब तक का सबसे कम रहा। बावजूद इसके, आम आदमी पार्टी की जीत यह साबित करती है कि लोगों ने पार्टी के कामों पर भरोसा जताया है।
लोगों की पसंद बनीं ये योजनाएं:
300 यूनिट तक मुफ्त बिजली, मोहल्ला क्लीनिक के जरिए मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं, जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आसान बनाना
इन योजनाओं ने जनता के रोजमर्रा के कामों को सहज बनाया। खासकर व्यापारी वर्ग और उद्योगपति, जो किसान आंदोलनों के कारण परेशान थे, उन्होंने इस बार सरकार के धरना हटाने के फैसले को राहत के रूप में देखा। हालांकि ग्रामीणों की नाराजगी झेलनी पड़ी, लेकिन शहरी वर्ग ने खुलकर साथ दिया।
चुनाव के बाद मनीष सिसोदिया ने भी यह साफ कर दिया कि 2027 का चुनाव भगवंत मान के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। उन्होंने इस जीत को पार्टी की नीतियों की जीत करार दिया और दावा किया कि 2022 में ‘आंधी’ थी तो 2027 में ‘तूफान’ आएगा।
                    
                      
                                         
                                 
                                    



