img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले के लालखदान के पास एक भीषण रेल हादसा हुआ। हावड़ा रूट पर चल रही एक पैसेंजर ट्रेन और एक मालगाड़ी की आमने-सामने की टक्कर हो गई। हादसे के तुरंत बाद घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए, जिससे यात्रियों में दहशत और दहशत फैल गई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इस हादसे में कई लोगों के मारे जाने की खबर है।

आइए जानें कि 2025 में कितनी रेल दुर्घटनाएं हुईं और कितने लोगों की जान गई।

किस वर्ष कितनी रेल दुर्घटनाएँ हुईं?
पिछले पाँच वर्षों, 2020 से 2025 तक, भारत में रेल दुर्घटनाओं की संख्या का कोई पूर्ण और आधिकारिक आँकड़ा उपलब्ध नहीं है। हालाँकि, विभिन्न सरकारी और मीडिया स्रोतों के अनुसार, 2021-22 और 2024-25 के बीच कुल 157 गंभीर रेल दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं। इनमें से 31 दुर्घटनाएँ अकेले 2024-25 में हुईं, जबकि 2023-24 में यह संख्या 40 और 2022-23 में 48 थी। इससे स्पष्ट है कि परिणामस्वरूप गंभीर दुर्घटनाओं की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।

लिखित आँकड़े क्या हैं? 
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद को बताया कि 2014-15 में भारत में 135 रेल दुर्घटनाएँ हुईं, जबकि 2024-25 में यह संख्या घटकर सिर्फ़ 31 रह गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 और 2022-23 के बीच सालाना औसतन 44 रेल दुर्घटनाएँ हुईं। रिपोर्ट के अनुसार, 2017-21 के चार वर्षों में 2017 रेल दुर्घटनाएँ हुईं, जिनमें से 1,392 रेलगाड़ियाँ पटरी से उतर गईं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020-21 में 17 ट्रेनें पटरी से उतर गईं।

कितने लोगों की मौत हुई? 
रेल मंत्रालय से प्राप्त आरटीआई जानकारी के अनुसार, 7 जुलाई 2021 से 17 जून 2024 के बीच देश भर में कुल 131 रेल दुर्घटनाएँ हुईं। इनमें से 92 ट्रेनें पटरी से उतर गईं, जो सबसे ज़्यादा थीं। इन दुर्घटनाओं में 64 यात्री ट्रेनें और 28 मालगाड़ियाँ शामिल थीं। पिछले चार सालों में मासिक आधार पर देखें तो हर महीने औसतन दो यात्री ट्रेनें और एक मालगाड़ी पटरी से उतरी हैं। इसका मतलब है कि रेल संचालन यात्रियों और माल की सुरक्षित आवाजाही के लिए लगातार जोखिम पैदा करता है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2021 से अब तक 152 गंभीर रेल दुर्घटनाओं में 362 लोगों की मौत हो चुकी है।