img

Prabhat Vaibhav,Digital Desk : दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक Microsoft एक बार फिर बड़ा फैसला लेते हुए हजारों कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है। यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब वैश्विक टेक इंडस्ट्री मंदी और लागत में कमी के दौर से गुजर रही है। Microsoft की ओर से की जाने वाली यह छंटनी 2023 के बाद कंपनी की सबसे बड़ी छंटनी मानी जा रही है, जिसका असर हजारों परिवारों पर पड़ेगा।

4% कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया

माइक्रोसॉफ्ट ने पुष्टि की है कि उसने अपने कुल 2.28 लाख कर्मचारियों में से 9,100 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यानी कंपनी ने अपने कुल कर्मचारियों में से करीब 4% को नौकरी से निकाल दिया है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि इनमें से कितने कर्मचारी अमेरिका के वाशिंगटन स्थित उसके मुख्यालय से हैं। इससे पहले मई और जून में दो चरणों में 6,000 कर्मचारियों की छंटनी की गई थी, जिनमें से 2,300 वाशिंगटन से बताए जा रहे हैं।

छंटनी का कारण: मंदी, लागत में कटौती और लाभ संरक्षण

कंपनी ने अपने बयान में कहा कि वह काम को और अधिक कुशल बनाने के लिए यह फैसला ले रही है। वैश्विक मंदी, घटते राजस्व और लागत नियंत्रण के कारण माइक्रोसॉफ्ट ने यह बड़ा कदम उठाया है। इस कदम से कंपनी की बिक्री टीम पर भी असर पड़ सकता है, जिस पर पहले से ही छंटनी का खतरा मंडरा रहा है।

मुख्य अधिकारी छुट्टी पर, अंदर-बाहर बेचैनी

माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य वाणिज्यिक अधिकारी जडसन अल्थॉफ ने दो महीने का अवकाश लेने का फैसला किया है। कंपनी ने कहा कि उन्होंने खुद अवकाश लिया है और यह कंपनी के वित्तीय वर्ष के अंत से संबंधित है। वह सितंबर में वापस आएंगे। इस बीच, कंपनी के भीतर अशांति बढ़ गई है और इसका असर टेक इंडस्ट्री के बाहर भी महसूस किया जा रहा है।

टेक उद्योग में छंटनी जारी

माइक्रोसॉफ्ट से पहले गूगल, अमेजन और मेटा जैसी बड़ी कंपनियां भी हजारों कर्मचारियों की छंटनी कर चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि आने वाले महीनों में छंटनी का यह दौर और तेज हो सकता है। मुनाफे को बनाए रखने और ऑटोमेशन के चलते टेक कंपनियां मानव संसाधन पर खर्च कम कर रही हैं, जिसका सीधा असर कर्मचारियों पर पड़ रहा है। आने वाले समय में अगर और छंटनी देखने को मिले तो इसमें कोई आश्चर्य नहीं होगा।