
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हर साल की तरह इस साल भी शारदीय नवरात्रि का पावन पर्व श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। लेकिन इस बार एक दुर्लभ संयोग बन रहा है: नवरात्रि 9 की बजाय पूरे 10 दिनों की होगी। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, इसका मुख्य कारण तृतीया तिथि का दो दिन आगे बढ़ना है। शास्त्रों में तिथि वृद्धि को अत्यंत शुभ माना गया है और यह संयोग देश-दुनिया में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता लाने का संकेत देता है।
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि देवी दुर्गा के भक्तों के लिए एक अनूठा अवसर लेकर आ रही है। पंचांग के अनुसार, यह पावन पर्व 22 सितंबर 2025 से प्रारंभ होकर 2 अक्टूबर 2025 को विजयादशमी और दुर्गा विसर्जन के साथ संपन्न होगा। 10 दिनों तक चलने वाले इस नवरात्रि का मुख्य कारण यह है कि तृतीया तिथि 24 और 25 सितंबर दोनों दिन पड़ेगी, जिसके कारण एक दिन की वृद्धि हुई है।
तिथि में वृद्धि: शुभ संकेत
ज्योतिष और शास्त्रों के अनुसार, तिथि का बढ़ना बहुत शुभ माना जाता है। जब कोई तिथि दो दिन तक रहती है, तो इसे एक शुभ संकेत माना जाता है। इससे भक्तों को देवी की पूजा के लिए अधिक समय मिलेगा और उनके जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता आएगी। ज्योतिषियों का मानना है कि यह संयोग देश और दुनिया के लिए आने वाले अच्छे समय का संकेत है।
रानी माँ की सवारी और उसका महत्व
नवरात्रि के दौरान देवी दुर्गा की सवारी का भी विशेष महत्व होता है, जो उनके आगमन और प्रस्थान के दिन पर निर्भर करता है। इस बार देवी दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जो एक बहुत ही शुभ संकेत है। हाथी को ज्ञान, समृद्धि और शांति का प्रतीक माना जाता है। देवी दुर्गा का हाथी पर आगमन समाज में ज्ञान, सुख और समृद्धि में वृद्धि का संकेत देता है।
भक्तों के लिए 10 दिनों का महत्व
दस दिनों तक चलने वाला यह लंबा नवरात्रि भक्तों को माँ दुर्गा की आराधना और प्रार्थना का एक अनमोल अवसर प्रदान करेगा। उन्हें प्रत्येक स्वरूप की पूजा के लिए पर्याप्त समय मिलेगा, जिससे उनकी भक्ति और भी गहरी होगी। महानवमी 1 अक्टूबर 2025 को मनाई जाएगी, इस दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा के साथ-साथ कन्या पूजन, भंडार और हवन जैसे धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाएँगे। यह अतिरिक्त दिन भक्तों को माँ का आशीर्वाद और भी बेहतर तरीके से प्राप्त करने का अवसर प्रदान करेगा।