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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पंजाब सरकार ने राज्य के किसानों को ठगी से बचाने और अच्छी फसल सुनिश्चित करने के लिए एक बड़ा और बेहद महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब यदि कोई व्यक्ति या कंपनी नकली बीज, नकली पेस्टीसाइड, या नकली उर्वरक (खाद) बेचते हुए पाया जाता है, तो उसे भारी जुर्माना और जेल की सजा का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस संबंध में सख्त कानून बनाने की मंजूरी दे दी गई है।

यह फैसला किसानों के हित में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है, क्योंकि अक्सर उन्हें नकली उत्पादों के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ता है। नए नियमों के तहत, नकली बीज बेचने पर अब दोषियों को कम से कम एक साल की कैद की सजा होगी, जिसे तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही, न्यूनतम पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया जाएगा, जिसे 50 लाख रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। यह पिछली व्यवस्था से कहीं ज़्यादा सख्त प्रावधान हैं। पहले, नकली बीज बेचने पर केवल तीन महीने की कैद और 5,000 रुपये का मामूली जुर्माना होता था, जिसका अपराधियों पर कोई खास असर नहीं पड़ता था।

कैबिनेट ने पुराने नियमों, जैसे "पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (कपास अधिनियम) 1993" और "पंजाब बीज (नियंत्रण) आदेश 1983" में बदलाव कर इन्हें 'कृषि विधेयक 2023' (Agricultural Bill 2023) में बदलने की भी मंजूरी दी है। यह नया विधेयक जल्द ही विधानसभा में पेश किया जाएगा।

मुख्यमंत्री भगवंत मान का स्पष्ट संदेश है कि उनकी सरकार किसी भी हाल में नकली उत्पाद बेचकर किसानों को धोखा देने वाले अपराधियों को बख्शेगी नहीं। इस विधेयक का उद्देश्य केवल सजा देना नहीं है, बल्कि अपराधियों में एक बड़ा डर पैदा करना है ताकि वे ऐसा कोई भी गैर-कानूनी काम करने से पहले कई बार सोचें। सरकार का मानना है कि इस सख्त कानून से कृषि उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार आएगा और पंजाब के किसान अपनी फसलों पर पूरा भरोसा कर पाएंगे, जिससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी।