Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय जापान दौरे पर हैं। वह शुक्रवार सुबह टोक्यो पहुँचे, जहाँ उनका भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने हाथ जोड़कर जापानी नागरिकों का आभार भी व्यक्त किया। दो दिवसीय दौरे के दौरान पीएम मोदी जापान के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच निवेश, तकनीक और रक्षा सहयोग पर चर्चा होगी।
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान, गूगल पर "जापान" कीवर्ड खूब सर्च किया जा रहा है, लोग इस देश के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानना चाहते हैं। ऐसे में आइए आपको बताते हैं कि जापान में धर्म का क्या स्थान है? यहाँ लोग किस धर्म को सबसे ज़्यादा मानते हैं और हिंदू या मुस्लिम समुदाय की क्या स्थिति है?
जापान में किस धर्म की सबसे ज़्यादा आबादी है?
शिंटो और बौद्ध धर्म जापान के दो मुख्य धर्म हैं। ये दोनों ही धर्म सदियों से जापानी संस्कृति का हिस्सा रहे हैं। जापान में सबसे ज़्यादा शिंटो और बौद्ध धर्म के लोग रहते हैं। जी हाँ, लगभग 48.5 प्रतिशत लोग शिंटो धर्म के हैं, जिनकी कुल संख्या लगभग 83.9 मिलियन है। इसके बाद 46.3 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म का पालन करते हैं। इसके अलावा जापान में ईसाई धर्म के बहुत कम लोग हैं, जो सिर्फ़ 1 प्रतिशत है। जापान में इस्लाम के अनुयायी 0.18 प्रतिशत हैं। जबकि हिंदू, सिख, यहूदी जैसे अन्य धर्मों के लोग 0.5 प्रतिशत से भी कम हैं।
जापान के विभिन्न धर्म
1. शिंटो धर्म - शिंटो धर्म जापान का पारंपरिक धर्म है। इसे धर्म से ज़्यादा एक जीवनशैली और दर्शन माना जाता है। यह धर्म कामी की पूजा करता है। जापान में लगभग 1,00,000 शिंटो तीर्थस्थल हैं। शिंटो परंपराएँ त्योहारों और पारिवारिक आयोजनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
2. बौद्ध धर्म - बौद्ध धर्म छठी शताब्दी में चीन और कोरिया से जापान आया। तब से, यह जापानी समाज में गहराई से समाया हुआ है। जापान में हज़ारों बौद्ध मंदिर हैं। बौद्ध धर्म जापानी कला, ध्यान, बागवानी और जीवनशैली में झलकता है।
3. ईसाई धर्म - 16वीं शताब्दी में पुर्तगाली मिशनरियों द्वारा जापान में ईसाई धर्म का प्रचार किया गया था। हालाँकि, यहाँ इस धर्म को मानने वालों की संख्या बहुत कम है। जापान में, खासकर नागासाकी में, कई पुराने चर्च हैं और यह समुदाय कई स्कूल और अस्पताल भी चलाता है।
4. इस्लाम - जापान में मुस्लिम आबादी पिछले कुछ वर्षों में तेज़ी से बढ़ी है। 2010 में यहाँ लगभग 1.10 लाख मुसलमान थे, जो 2022 में बढ़कर 2.30 लाख हो गए। इंडोनेशिया, पाकिस्तान, बांग्लादेश, भारत और मलेशिया जैसे देशों से लोग काम और पढ़ाई के लिए जापान आ रहे हैं। इसके अलावा, कुछ जापानी नागरिक भी इस्लाम की शिक्षाओं से प्रभावित होकर इस धर्म को अपना रहे हैं।
5. हिंदू धर्म और अन्य धर्म - जापान में हिंदुओं, सिखों, यहूदियों और बहाई लोगों की भी एक छोटी आबादी है। ज़्यादातर हिंदू भारत, नेपाल या श्रीलंका से आए प्रवासी हैं। जापान में कुछ हिंदू मंदिर और भारतीय सांस्कृतिक केंद्र भी हैं।




