
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : मंगलवार सुबह से शुरू हुई बारिश दोपहर करीब दो बजे तक थम-थम कर होती रही। हालांकि पिछले तीन दिन से जिले में मौसम बदला हुआ था, लेकिन मंगलवार की 10 मिमी बारिश ने पकी हुई धान की फसल को नुकसान पहुंचाया है। इसके कारण अगले तीन-चार दिन तक धान की कटाई भी संभव नहीं हो पाएगी।
इसका सीधा असर मंडियों में धान की आवक पर पड़ा है। बेमौसमी बारिश के चलते जिले के करीब 55 हजार हेक्टेयर में फसल को नुकसान हुआ है। नुकसान का असली अनुमान तो फसल की कटाई के बाद ही लगाया जा सकेगा।
पिछले तीन दिन से मौसम का मिजाज बिगड़ने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। रविवार को हल्की बारिश हुई थी और सोमवार को भी कुछ वर्षा हुई, जिससे ज्यादा नुकसान नहीं हुआ। लेकिन मंगलवार को सुबह चार बजे से दोपहर दो बजे तक तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ा दी।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि इस बारिश से पकी हुई धान की फसल खास तौर पर प्रभावित हुई है। जिले में अभी लगभग 55 हजार हेक्टेयर में धान की कटाई शेष है। बारिश से धान में नमी की मात्रा बढ़ जाएगी, जिससे किसानों को फसल बेचने में दिक्कत हो सकती है। क्योंकि एजेंसियों के अनुसार, धान में नमी की मात्रा 17 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
इस वजह से मंडियों में पिछले दो दिन से खरीद प्रभावित रही है। अब देखना यह है कि बुधवार से खरीद शुरू हो पाएगी या नहीं।
जिला कृषि अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि पकी फसल पर बारिश होने से नुकसान के अलावा और कोई उपाय नहीं है। मौसम साफ होने का इंतजार करना ही किसानों के पास फिलहाल विकल्प है। इसके बाद ही मशीनें चलाकर कटाई शुरू की जा सकेगी।
जिले की मंडियों में अब तक लगभग 31 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। लेकिन बाकी फसल बारिश के कारण नमी बढ़ने से सूखने का इंतजार करेगी। किसानों को धूप निकलने का इंतजार करना होगा ताकि फसल को सही ढंग से मंडियों में भेजा जा सके।