
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पाकिस्तान में बैठे आतंकी अब खुद पाकिस्तान को ही धमका रहे हैं, वहीं पड़ोसी देश के सेना प्रमुख आसिम मुनीर को इसके पीछे भी भारत की ही साज़िश नज़र आ रही है! उन्होंने भारत पर बड़ा आरोप लगाया है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत 'प्रॉक्सी' के ज़रिए पाकिस्तान के ख़िलाफ़ नई योजनाएँ बना रहा है। आसिम मुनीर ने एक बार फिर पुरानी कहानी दोहराई कि अमेरिका के दखल की वजह से युद्धविराम हुआ था, जिसके बाद युद्ध खत्म हुआ।
भारत अपनी ताकत ' दोगुनी ' कर रहा है - असीम मुनीर को डर!
जनरल हेडक्वार्टर (जीएचक्यू) में 271वें कोर कमांडर्स कॉन्फ्रेंस (सीसीसी) की अध्यक्षता करते हुए पाकिस्तान के फील्ड मार्शल असीम मुनीर ने दावा किया कि पहलगाम की घटना के बाद भारत 'फितना-अल-ख्वारिज्मी' और 'फितना-अल-हिंदुस्तान' जैसे संगठनों के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ अपनी ताकत दोगुनी कर रहा है।
आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में पाकिस्तान सरकार ने प्रतिबंधित 'तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान' संगठन का नाम बदलकर 'फ़ितना-उल-ख़वारिज' कर दिया था। इसी तरह, मई 2025 में शाहबाज़ सरकार ने बलूचिस्तान के सभी आतंकवादी संगठनों का नाम बदलकर 'फ़ितना-उल-हिंदुस्तान' कर दिया था। पाकिस्तान ने इन सभी संगठनों को आतंकवादी हमलों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।
पाकिस्तानी अख़बार 'डॉन' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, आसिम मुनीर ने दहाड़ते हुए कहा, "हमारे शहीदों का खून व्यर्थ नहीं जाएगा। पाकिस्तान के लोगों की सुरक्षा हमारे सशस्त्र बलों की पहली प्राथमिकता है।" इस दौरान उन्होंने ईरान, तुर्की, अज़रबैजान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात की अपनी हालिया यात्राओं का भी ज़िक्र किया, जहाँ वे शाहबाज़ शरीफ़ के साथ गए थे।
भारतीय सेना ने पिछले हफ़्ते कहा था कि चीन ने पाकिस्तान को एक 'जीवित प्रयोगशाला' की तरह इस्तेमाल किया है। हमेशा की तरह, पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है। उसने कहा कि भारत किसी तीसरे पक्ष को गलत तरीके से पेश कर रहा है ताकि वह उसका फ़ायदा उठा सके। एक दिन पहले, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने भी भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर पाकिस्तान में आतंकवाद का 'मास्टरमाइंड' होने का आरोप लगाया था।
आसिम मुनीर का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (बीएलएफ) ने पाकिस्तान में कुल 17 जगहों पर हमले किए हैं। इन हमलों में कई सरकारी आवासों और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।