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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पितृ पक्ष को पितृ ऋण चुकाने का सबसे अच्छा समय माना जाता है। श्राद्ध, पितरों को भोजन और सम्मान देने का एक माध्यम है। पितृ पक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए भोजन, दान, तर्पण, श्राद्ध आदि किए जाते हैं। आइए जानते हैं पितृ पक्ष से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियाँ।

पितृ पक्ष आश्विन मास की पूर्णिमा यानी 7 सितंबर 2025 से शुरू हो चुका है। श्राद्ध पक्ष आश्विन मास की अमावस्या यानी 21 सितंबर को समाप्त होगा। इसे सर्व पितृ अमावस्या भी कहा जाता है। नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होगी।

पितृ पक्ष एकादशी कब है?

पितृ पक्ष की एकादशी तिथि 17 सितंबर को दोपहर 12:21 बजे से शुरू हो रही है। वहीं, यह तिथि 17 सितंबर 2025 को रात 11:39 बजे समाप्त होगी। ऐसे में एकादशी श्राद्ध 17 सितंबर, बुधवार को ही किया जाएगा। इस दिन शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार रहेगा।

पारिवारिक मुहूर्त - सुबह 11:51 से दोपहर 12:40 तक

रोहिणी मुहूर्त- दोपहर 12:40 बजे से 01:29 बजे तक

कल दोपहर - 01:29 से 03:56 तक

पूर्वज कितने प्रकार के होते हैं?

शास्त्रों के अनुसार, चंद्रमा के ऊपर एक और लोक है जिसे पितृ लोक माना जाता है। पुराणों के अनुसार, पितरों को दो भागों में विभाजित किया गया है। एक दिव्य पितर और दूसरे मानव पितर। दिव्य पितर मनुष्यों और जीवों का उनके कर्मों के आधार पर न्याय करते हैं। वे अर्यमा को पितरों का मुखिया मानते हैं, जबकि उनके न्यायाधीश यमराज हैं।

पूर्वज भोजन कैसे प्राप्त करते हैं?

पुराणों में कहा गया है कि गंध और स्वाद से पितृगण तृप्त होते हैं। इसके लिए गोबर के उपले में गुड़, घी और अन्न अर्पित किया जाता है, जिसकी सुगंध से पितृगण तृप्त होते हैं।

पितृ पक्ष में पितरों को जल कैसे अर्पित करें? (पितृ पक्ष पर तर्पण संस्कार)

पितरों को जल अर्पित करने की विधि को तर्पण कहते हैं। कुश की बत्ती लेकर हाथ में जल लेकर अंगूठे से तर्पण करें। इस प्रकार पितरों को तर्पण किया जाता है।

पुण्यतिथि पर क्या दान करना चाहिए? (पितृ पक्ष को दान)

पितृ पक्ष में दान करने से पितरों को संतुष्टि मिलती है। पितरों के निमित्त श्राद्ध के बाद काले तिल, नमक, गेहूं, चावल, गाय, सोना, वस्त्र और चांदी का दान करना बहुत फलदायी माना जाता है।

पितृ दोष के लक्षण?

संतान से संबंधित समस्याएं, विवाह में बाधाएं, अचानक दुर्घटनाएं, नौकरी या व्यवसाय में व्यवधान, खराब स्वास्थ्य आदि पित्त दोष के लक्षण हैं।

पितृ दोष से कैसे छुटकारा पाएं? (पितृ दोष शान्ति उपाध्याय)

पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए श्राद्ध पक्ष में पूर्वजों की पुण्यतिथि पर तर्पण करें, ब्राह्मणों को भोजन कराएँ और यथाशक्ति दान करें। गायों को हरी घास खिलाना, कुत्तों को रोटी देना आदि दान-पुण्य के कार्य करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।

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