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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सदन का सत्र छोड़कर विदेश जाने के बाद उन्हें राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर रखा गया है। केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने उन्हें गैर-जिम्मेदार व्यक्ति करार देते हुए कहा कि वे राजनीति में सक्रिय नहीं रहते, लेकिन अक्सर गैर-जिम्मेदार बयान देते रहते हैं।

मांझी ने कहा, "मुझे नहीं पता कि वे विदेश क्यों गए। सत्र छोटा था, इसका महत्व समझते हुए अपनी उपस्थिति दर्ज कराते तो अच्छा रहता। अब आगे के लिए कम से कम सावधान रहें।"

18 तारीख को कैबिनेट बनाने की तैयारी

केंद्रीय मंत्री ने तेजस्वी पर यह भी आरोप लगाया कि वे अपने राजनीतिक लाभ के लिए सदन से गायब रहे। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय जितने भी दावे किए गए थे, परिणामों ने उन्हें नाकाम कर दिया। इस कारण वे लज्जित होकर सदन से अनुपस्थित हैं। मांझी ने आरोप लगाया कि 18 तारीख को कैबिनेट बनाने की तैयारी भी तेजस्वी कर रहे थे, जिसमें यह तय किया जा रहा था कि कौन मंत्री बनेगा और किसकी पोस्टिंग होगी।

सदन और बिहार से लगातार गायब

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी कहा कि तेजस्वी यादव न केवल सदन में बल्कि बिहार की राजनीति से भी गायब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जहां भी वे जाते हैं, बिहार और बिहारवासियों से उनका मन अलगाव दर्शाता है। राय ने याद दिलाया कि कोरोना काल और बाढ़ जैसी आपदाओं में भी तेजस्वी सदन और राज्य से अनुपस्थित रहे।

उन्होंने कहा, “मौके पर वे हमेशा बिहार से दूर रहते हैं। कभी दिल्ली, तो कभी विदेश उनका ठिकाना बन जाता है। इस कारण जनता को उनकी गैर-हाज़िरी और गैर-जिम्मेदारी नजर आती है।”