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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : प्रदेश में 1 अगस्त से लागू होने वाले नए सर्किल रेट को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। जमीन की मौजूदा बाजार कीमत और सर्किल रेट का तुलनात्मक सर्वे शुरू कर दिया गया है। सर्वे के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर इसे जिला स्तरीय समिति को भेजा जाएगा। इसके बाद आम जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी और अंतिम रूप से रेट तय किए जाएंगे।

कहां-कहां हो रहा है सर्वे?
जिले की सात तहसीलों – सदर, कासिमाबाद, सेवराई, जमानियां, मुहम्मदाबाद, सैदपुर और जखनियां में उपजिलाधिकारी (SDM), तहसीलदार और सब-रजिस्ट्रार की कमेटी बनाई गई है। ये कमेटी अपने-अपने क्षेत्रों में जमीन की कीमतों का आकलन कर रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।

क्या देखा जा रहा है सर्वे में?
सर्वे के दौरान यह जांचा जा रहा है कि बाजार में जमीन की वास्तविक कीमत और वर्तमान सर्किल रेट के बीच कितना अंतर है। इसके आधार पर यह तय किया जाएगा कि कहां-कहां रेट बढ़ाने की जरूरत है।

सीमा क्षेत्रों में भी होगा तुलनात्मक विश्लेषण
इस बार खास बात यह है कि अंतरजनपदीय सीमाओं पर भी जमीन के सर्किल रेट का मिलान किया जाएगा। प्रशासन देखेगा कि सीमा के दोनों ओर जमीन के रेट में कितना फर्क है और यदि कोई विसंगति पाई गई तो उसे दूर किया जाएगा।

पिछले साल भी हुआ था सर्किल रेट में बदलाव
साल 2015 के बाद पहली बार 2024 में जिले में सर्किल रेट बढ़ाए गए थे, जब पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट और औद्योगिक गलियारे जैसी योजनाएं शुरू हुई थीं। इसलिए इस बार उम्मीद है कि रेट में मामूली या सीमित बढ़ोतरी ही होगी।

क्या होगा आगे?
सर्वे पूरा होने के बाद सभी तहसीलों की रिपोर्ट जिला मुख्यालय भेजी जाएगी। इसके बाद आम जनता से आपत्तियां मांगी जाएंगी। आपत्तियों पर विचार कर अंतिम सर्किल रेट तय किया जाएगा। जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में बैठक कर रेट को अंतिम रूप दिया जाएगा।

प्रेम प्रकाश, सहायक महानिरीक्षक स्टांप ने जानकारी दी कि तहसीलवार रिपोर्ट आने के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।