
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे डॉ. आंबेडकर समग्र सेवा अभियान के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति टोलों में विशेष विकास शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन शिविरों के सफल आयोजन एवं सुचारु संचालन के लिए जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई थी। लेकिन हाल ही में 14 मई को जिलाधिकारी द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में शिविरों से कई अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।
इस लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन एवं मानदेय को अगले आदेश तक रोक दिया है। साथ ही, उन्हें दो दिनों के भीतर स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। यह स्पष्टीकरण प्रखंड विकास पदाधिकारी के माध्यम से जिला कल्याण कार्यालय को दिया जाना है। जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि यदि संतोषजनक जवाब नहीं मिला, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए प्रपत्र-क गठित किया जाएगा।
इन अधिकारियों पर हुई कार्रवाई
कार्रवाई का सामना करने वालों में प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, राजस्व अधिकारी, मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, आवास सहायक, पर्यवेक्षक, राजस्व कर्मी, कृषि विभाग के तकनीकी प्रबंधक, कृषि समन्वयक, पंचायत सचिव तथा कैंप ऑफिसर शामिल हैं।
जिलाधिकारी ने चिंता जताते हुए कहा कि सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के लाभार्थियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से विशेष शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसके बावजूद अधिकारियों व कर्मचारियों का गैरजिम्मेदाराना व्यवहार अस्वीकार्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिविरों में नियमित उपस्थिति और प्रतिदिन की कार्य रिपोर्ट आवश्यक है।