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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : हिंदू धर्म में पूजा के दौरान शंख और घंटी जरूर बजाई जाती है। मंदिरों में बड़ी घंटियाँ होती हैं, जिन्हें भक्तजन भगवान के दर्शन करते समय अवश्य बजाते हैं। आपको बता दें कि स्कंद पुराण, अग्नि पुराण और तंत्र ग्रंथों में घंटियों का वर्णन मिलता है। ऐसा माना जाता है कि घंटी बजाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इसके अलावा घंटी से जुड़े और क्या रहस्य हैं (मंदिर की घंटी के बारे में रोचक तथ्य), आइए लेख में और जानें...

घंटी के साथ कौन सी मान्यता जुड़ी है?

1. घंटी बजाने से आपके अशुभ ग्रह केतु के अशुभ प्रभाव दूर होते हैं। यही कारण है कि विशेषज्ञ अक्सर राहु के कमजोर होने पर घंटी बजाने की सलाह देते हैं। 

2. इसके अलावा घंटी और नाद को ब्रह्म का स्वरूप माना गया है। इससे आपको ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। घंटी बजाने से वातावरण शुद्ध होता है। उनकी आवाज़ आपके अंदर शक्ति और ऊर्जा भर देती है।

3. इससे मन शांत होता है। इससे ध्यान लगाने में भी मदद मिलती है। यह ध्यान के दौरान आपके मन को एकाग्र अवस्था में लाता है। इसीलिए इसका प्रयोग पूजा में किया जाता है ताकि आपका मन पूजा पर केंद्रित रहे।

4. घंटी को चेतना जागृत करने का साधन भी कहा जाता है। घंटी की ध्वनि से शरीर के सभी सात चक्र जागृत होते हैं, जिससे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। आपको बता दें कि घंटी न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। यही कारण है कि इसका उपयोग मुख्यतः धार्मिक समारोहों में किया जाता है।

5. आपको बता दें कि घंटियां चार प्रकार की होती हैं- ईगल बेल, डोर बेल, हैंड बेल और घंटा। बाज की घंटी छोटी होती है, जिसे हाथ से बजाया जा सकता है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर घंटी लगाई जाती है। यह बड़ा और छोटा दोनों हो सकता है। हाथ घंटी का आकार ठोस पीतल से बनी गोल प्लेट जैसा होता है। यह लकड़ी से बना है, जबकि घंटी बहुत बड़ी है। इसकी आवाज़ कई किलोमीटर तक जा सकती है।

हम अपने घरों में जिस घंटी का प्रयोग करते हैं वह गरुड़ घंटी है। ऐसा माना जाता है कि घंटी पर अंकित गरुड़ पक्षी भक्तों का संदेश भगवान विष्णु तक पहुंचाता है।