Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अब प्रदेश में सड़क दुर्घटना के बाद घायल होने वाले लोगों को आयुष्मान योजना से जुड़े अस्पतालों के अलावा अन्य अस्पतालों में भी कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परिवहन और स्वास्थ्य विभाग को जल्द इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सीमावर्ती इलाकों में सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए।
मुख्यमंत्री ने मार्च 2026 तक राज्य की सभी सड़कों पर क्रैश बैरियर लगाने और उनकी गुणवत्ता की नियमित जांच जिला सड़क सुरक्षा समितियों से कराने के निर्देश भी दिए। बैठक के बाद उन्होंने खुद आइएसबीटी जाकर सफाई कर सभी को स्वच्छता के प्रति जागरूक होने का संदेश दिया।
सचिवालय में आयोजित सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटना के बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाने में लगने वाला समय कम करना होगा। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त निगरानी रखी जाए और एआई आधारित ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम को बढ़ावा दिया जाए।
उन्होंने ब्लैक स्पॉट वाले क्षेत्रों में सड़क चौड़ीकरण और सुधार कार्य को प्राथमिकता से पूरा करने पर जोर दिया। आम लोगों को दुर्घटना के समय त्वरित सहायता उपलब्ध कराने के लिए ‘फर्स्ट रिस्पांडर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ नियमित रूप से चलाने के भी निर्देश दिए।
सीएम धामी ने कहा कि वाहनों के रुकने की जगहें ऐसे क्षेत्रों में बनाई जाएं जहां मूलभूत सुविधाएं मौजूद हों। पर्यटन और परिवहन विभाग को मिलकर इस संबंध में विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने को कहा गया है।
आगामी शीतकालीन यात्रा, चारधाम यात्रा और नंदादेवी राजजात के मद्देनज़र उन्होंने यातायात प्रबंधन को मजबूत बनाने के निर्देश भी दिए।
बैठक में दिए गए प्रमुख निर्देश:
- 108 एंबुलेंस के रिस्पांस टाइम में कमी लाने के लिए विशेष कार्ययोजना बने
- नमी व जल प्रवाह वाले स्थानों पर डामर की जगह कंक्रीट पैच बनाया जाए
- गन्ना किसानों को पेराई सत्र से पहले सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाए
- नए मानकों के अनुसार दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का चिह्नीकरण
- मार्गों पर गति सीमा तय करने और सूचना पट्ट लगाने की प्रक्रिया तेज की जाए
- हिट एंड रन मामलों का समयबद्ध निस्तारण
- वन विभाग सड़क किनारे बांस के पौधे लगाए
- पैदल यात्रियों की सुरक्षा के लिए अलग नियमावली बनाई जाए




