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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : पर्वतीय जिलों में इस सर्दी जंगल धुआं-धुआं होने लगे हैं। मानवीय लापरवाही और मौसम की बेरूखी ने मिलकर वन संपदा के लिए बड़ा खतरा पैदा कर दिया है। मंगलवार को पन्याली का जंगल आग की लपटों में जल गया, जिससे पांच से दस हेक्टेयर तक वन क्षेत्र राख हो गया।

आग इतनी विकराल थी कि रानीखेत-खैरना स्टेट हाईवे तक धुआं फैल गया, और आसपास के क्षेत्र में यातायात बाधित रहा। अधिकारियों का अनुमान है कि निचले भूभाग में खरपतवार जलाए जाने से लगी चिंगारी ने जंगल में आग को और विकराल रूप दे दिया।

वन क्षेत्राधिकारी तापस मिश्रा ने चेतावनी दी है कि जंगल में आग लगाते पकड़े जाने पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पर्वतीय क्षेत्रों जैसे उपराड़ी, पाखुड़ा, गनियाद्योली और द्वारसौं में पहले भी बड़े पैमाने पर जंगल जल चुके हैं।

विशेष रूप से मंगलवार को आग ने चीड़ बहुल पन्याली का जंगल पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया। आग से न केवल वन संपदा को नुकसान हुआ, बल्कि पर्यावरण और जैव विविधता को भी गंभीर क्षति पहुंची।

वन अधिकारी ने ग्रामीणों से अपील की है कि यदि किसी खेत या नाप भूमि पर खरपतवार जलाना जरूरी हो, तो पहले वन विभाग को सूचना दें, ताकि वन कर्मी मौके पर पहुंचकर आग को जंगल तक फैलने से रोक सकें।