
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर ने एक अहम भूमिका निभाई है जिससे भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जाने वाली ऐतिहासिक पटौदी ट्रॉफी का नाम अब नहीं बदला जाएगा।
हाल ही में बीसीसीआई और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने ट्रॉफी का नाम बदलकर इसे "सचिन-एंडरसन ट्रॉफी" करने का प्रस्ताव रखा था। इस बदलाव की भारी आलोचना हुई, क्योंकि यह ट्रॉफी भारतीय क्रिकेट के दो ऐतिहासिक कप्तानों — इफ्तिखार अली खान पटौदी और मंसूर अली खान पटौदी — की स्मृति में रखी गई थी।
जैसे ही इस नाम बदलने की बात सामने आई, सचिन तेंदुलकर ने खुद बीसीसीआई और ईसीबी से संपर्क कर ट्रॉफी का नाम बरकरार रखने की अपील की। उनका मानना है कि क्रिकेट में परंपराएं और विरासत को बनाए रखना ज़रूरी है।
अब खबर यह है कि सचिन की अपील को गंभीरता से लिया गया है और ईसीबी ने स्पष्ट कर दिया है कि पटौदी ट्रॉफी का नाम नहीं बदलेगा। भारत और इंग्लैंड के बीच भविष्य की टेस्ट सीरीज अब भी इसी नाम से खेली जाएगी।
गौरतलब है कि तेंदुलकर और एंडरसन दोनों ही क्रिकेट इतिहास के महान खिलाड़ी हैं।
सचिन टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन और सबसे ज्यादा शतक लगाने वाले बल्लेबाज़ हैं।
वहीं जेम्स एंडरसन, इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज़ हैं, और दुनिया के तीसरे सबसे ज्यादा टेस्ट विकेट लेने वाले गेंदबाज़ भी हैं।
फिर भी, इन दिग्गजों के नाम पर नई ट्रॉफी लाने की बजाय क्रिकेट के इतिहास को सम्मान देना ज्यादा ज़रूरी समझा गया — और सचिन की यही सोच आज क्रिकेट प्रेमियों के दिल को छू रही है।