Prabhat Vaibhav,Digital Desk : समस्तीपुर की सांसद शांभवी चौधरी का पटना के बांकीपुर में वोट डालने का एक वीडियो सामने आया है, जिससे चुनावी गलियारों में नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि इस वीडियो में उनकी दोनों उंगलियों पर स्याही के निशान दिखाई दे रहे हैं, जिससे शक है कि उन्होंने दो वोट डाले होंगे। चुनाव में एक-एक वोट की कीमत तो सभी जानते हैं, लेकिन अगर कोई दो-दो वोट डाल दे तो क्या होगा? एक ही चुनाव में दो जगहों से वोट देना या दो-दो वोट डालना कोई मज़ाक नहीं, बल्कि भारतीय कानून के तहत एक गंभीर अपराध है।
कई लोग इसे मामूली गलती मानते हैं, लेकिन असल में यह चुनावी अपराध की श्रेणी में आता है। आइए जानें इसकी सज़ा क्या है।
दो बार मतदान करना अपराध है।
भारतीय संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अनुसार, प्रत्येक नागरिक को केवल एक बार और एक ही निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करने का अधिकार है। यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर या धोखे से दो बार मतदान करता है, तो इसे धारा 62(4) और धारा 31 के अंतर्गत अपराध माना जाता है।
यह नियम न केवल मतदान के दिन, बल्कि मतदाता सूची में नाम दर्ज करते समय भी लागू होता है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति का नाम दो अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज पाया जाता है, तो यह भी कानूनी अपराध है।
किस धारा के तहत इसे अपराध माना जाता है और क्या सजा दी जा सकती है?
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 31 में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर एक से ज़्यादा निर्वाचन क्षेत्रों की मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराता है, या दो जगहों से वोट डालता है, तो उसे अपराधी माना जाता है।
इस अपराध के लिए अधिकतम सज़ा छह महीने की कैद, जुर्माना, या दोनों है। इसका मतलब है कि अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर एक से ज़्यादा निर्वाचन क्षेत्रों से वोट देता है, तो उसे कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।
यह अपराध कैसे साबित होता है?
चुनाव आयोग के पास अब ईवीएम और मतदाता सूची सत्यापन प्रणालियों के माध्यम से ऐसी अनियमितताओं का पता लगाने की व्यवस्था है। अगर किसी व्यक्ति का नाम, पहचान पत्र या फिंगरप्रिंट डुप्लिकेट पाया जाता है, तो उसे डुप्लिकेट मतदाता घोषित किया जा सकता है। ऐसे मामलों में, जिला निर्वाचन अधिकारी या पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की जाती है।
यदि एक ही व्यक्ति मतदान केन्द्र पर बार-बार मतदान करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे मौके पर ही हिरासत में लिया जा सकता है।
अगर कोई व्यक्ति जानबूझकर या गलती से
दो बार वोट देता है , तो इसे आपराधिक अपराध माना जाता है और सज़ा निश्चित है। हालाँकि, अगर यह दुर्घटनावश हुआ हो, जैसे कि व्यक्ति की जानकारी के बिना उसका नाम दो बार दिखाई दे, तो चुनाव अधिकारी जाँच कर सकता है और चेतावनी देकर मामले को बंद कर सकता है। हालाँकि, डिजिटल सत्यापन प्रणाली के कारण अब ऐसे मामले बहुत कम होते जा रहे हैं।
चुनाव आयोग की सख्ती
भारत के चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि "एक व्यक्ति, एक वोट" का सिद्धांत लोकतंत्र का मूल सार है। कोई भी नागरिक जो इस सिद्धांत का उल्लंघन करता है, वह न केवल कानून तोड़ता है, बल्कि लोकतंत्र के साथ विश्वासघात भी करता है। आयोग ऐसे प्रत्येक मामले को गंभीरता से लेता है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई करता है।




