
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : उत्तराखंड सरकार ने स्वरोजगार और उद्यमिता को मजबूत बनाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में 'मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना 2.0' को हरी झंडी दी गई। नई योजना में सूक्ष्म उद्यम परियोजनाओं की वित्तीय सीमा 50 हजार रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है। इससे 50 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की संभावना है।
साथ ही, मंत्रिमंडल ने 'मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना' को भी मंजूरी दी, जिसमें निराश्रित महिलाओं को दो लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर 75 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। इस योजना का लाभ 2000 महिलाओं तक पहुंचेगा, जिससे उन्हें आर्थिक एवं सामाजिक सुरक्षा मिलेगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री सचिव शैलेश बगोली ने जानकारी दी कि विनिर्माण क्षेत्र में 25 लाख रुपये, सेवा और व्यापार क्षेत्र में 10 लाख रुपये, तथा सूक्ष्म गतिविधियों में दो लाख रुपये तक की परियोजनाओं को योजना में शामिल किया जाएगा। योजना के अंतर्गत सामान्य वर्ग के आवेदकों को परियोजना का 90 प्रतिशत, जबकि एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यक, भूतपूर्व सैनिक, महिलाओं और दिव्यांगों को परियोजना का 95 प्रतिशत तक ऋण स्वीकृत होगा।
मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड कुक्कुट विकास नीति-2025 को भी मंजूरी प्रदान की, जिससे पोल्ट्री उद्योग को प्रोत्साहन मिलेगा। इस नीति के तहत लगभग 1000 लोगों को प्रत्यक्ष और 3500 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इसके अतिरिक्त राज्य में बाहर से आने वाले मालवाहक और व्यावसायिक वाहनों पर ग्रीन सेस में 30 प्रतिशत वृद्धि की गई है।
सरकार ने डिजिटल और पारदर्शी व्यवस्था को बढ़ावा देते हुए वर्चुअल रजिस्ट्री व्यवस्था की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ऑनलाइन स्टांप ड्यूटी जमा होगी और दस्तावेजों को ई-मेल के माध्यम से स्वीकार किया जाएगा।
स्ट्रीट चिल्ड्रन नीति को भी मंजूरी मिली, जिससे सड़क पर रहने वाले बच्चों का पुनर्वास सुनिश्चित होगा। इन फैसलों के जरिए सरकार राज्य में उद्यमिता और स्वरोजगार को मजबूती देने के साथ-साथ सामाजिक सुरक्षा के नए आयाम स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है।