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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ के बीच, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रूस से तेल खरीदने को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप की धमकियों को नज़रअंदाज़ करते हुए उन्होंने कहा कि भारत रूस से कच्चा तेल खरीदना जारी रखेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "हम अपनी ज़रूरतों, कीमतों और लॉजिस्टिक्स को देखकर फ़ैसले लेते हैं। विदेशी मुद्रा और ऊर्जा सुरक्षा हमारे लिए अहम हैं। भारत के कुल आयात खर्च में कच्चे तेल की हिस्सेदारी सबसे ज़्यादा है।" उन्होंने कहा कि भारत के विदेशी मुद्रा खर्च में कच्चे तेल और रिफ़ाइंड ईंधन का बड़ा हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भारत जहाँ भी सस्ता और स्थिर तेल मिलेगा, वहाँ से ख़रीदेगा।

सीएनएस-न्यूज़18 को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक भारत अपने आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए काम करेगा। उन्होंने कहा, "रूस से तेल खरीदना हमारी आर्थिक रणनीति का हिस्सा है। हम इसे ज़रूर खरीदेंगे। हम अपनी ज़रूरतों के हिसाब से फ़ैसले लेने के लिए स्वतंत्र हैं।"

रूस से भारत का कच्चा तेल आयात, जो रूस-यूक्रेन संघर्ष से पहले उसकी कुल आपूर्ति का लगभग 1 प्रतिशत था, अब बढ़कर लगभग 40 प्रतिशत हो गया है क्योंकि रिफ़ाइनरियाँ मास्को को दरकिनार कर पश्चिमी खरीदारों द्वारा दी जा रही भारी छूट का लाभ उठा रही हैं। वर्तमान में, भारत रूसी समुद्री कच्चे तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, जबकि रूसी तेल पर प्रतिबंध लगने के बाद यूरोप ने भारतीय रिफ़ाइनरियों के परिष्कृत उत्पादों की ओर रुख किया है।

सीतारमण ने आगे कहा कि आज पूरी दुनिया आर्थिक और राजनीतिक स्तर पर भारत को गंभीरता से देख रही है। ऐसे समय में देश में किसी को भी उपनिवेशवादी विचार का बचाव नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, "आत्मनिर्भर भारत तभी सार्थक होगा जब हम आत्म-सम्मान को प्राथमिकता देंगे। हमें किसी को यह समझाने या बताने की ज़रूरत नहीं है कि हमें कैसे जीना चाहिए। हमें सभी प्रकार के उपनिवेशवादी विचारों से मुक्त होना होगा।" वित्त मंत्री ने कहा कि ब्रिटिश शासन ने कभी 'फूट डालो और राज करो' की नीति से भारत को कमजोर किया था। लेकिन स्वतंत्र भारत को ऐसी सोच से बाहर आना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज देश को अपनी पहचान और सम्मान पर गर्व करने और विदेशी तर्कों का सहारा लेने की ज़रूरत नहीं है।