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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : इन दिनों अपनी ताबड़तोड़ कार्रवाइयों से सुर्खियों में रहने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ED) को सुप्रीम कोर्ट से एक तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने ED को न केवल जमकर फटकारा, बल्कि यह भी कहा कि वह अपनी "सभी हदें पार" कर रही है। यह सब हुआ एक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में, जहाँ ED ने बिना सही प्रक्रिया अपनाए ही एक आरोपी को 'भगोड़ा' (Proclaimed Offender) घोषित कर दिया था।

मामला सुप्रियो गुप्ता नाम के एक आरोपी से जुड़ा था। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच इस बात पर बुरी तरह भड़क गई कि ED ने आरोपी को एक बार भी समन जारी किए बिना ही उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। जस्टिस खन्ना ने सीधे ED के वकील से पूछा, "यह क्या हो रहा है? आप सभी हदें पार कर रहे हैं। आपने एक भी समन जारी किए बिना किसी को भगोड़ा कैसे घोषित कर दिया? क्या आपको कानून की जानकारी नहीं है?"

कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि 'कानून का राज' (Rule of Law) बेहद ज़रूरी है और कोई भी जांच एजेंसी अपनी मनमर्जी नहीं चला सकती। जस्टिस खन्ना ने तो यहाँ तक कह दिया कि अदालत के सामने "फालतू की बातें" नहीं होनी चाहिए। इस घटना से यह साफ हो गया है कि भले ही ED कितनी भी आक्रामक तरीके से काम करे, उसे कानूनी दायरे और तय प्रक्रियाओं का पालन करना ही होगा। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर दिखाया है कि वह निष्पक्ष न्याय और कानूनी प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए कितना गंभीर है।