देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद निर्वाचन आयोग अलर्ट मोड पर है। लोकसभा चुनाव में 75 प्रतिशत मतदान हो, इस पर अधिक फोकस है। पिछले लोकसभा चुनाव में वर्ष 2019 में 61 प्रतिशत मतदान हुआ था। सीमावर्ती 93 चेक प्वाइंट पर कड़ी सुरक्षा रहेगी। इसके लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। ड्रोन कैमरे से भी निगरानी की जाएगी।
यहां तीन दिन पहले रवाना होंगी पोलिंग पार्टियां
राज्य निर्वाचन अधिकारी डाॅ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने प्रेसवार्ता में बताया कि प्रदेश में 11729 पोलिंग बूथ हैं। 30 पोलिंग बूथ ऐसे हैं जहां के लिए तीन दिन पहले पोलिंग पार्टियां रवाना होंगी। इसमें 1410 संवेदनशील पोलिंग बूथ हैं। ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं।
उत्तराखंड ने मांगी 15 हजार होमगार्ड, दूसरे राज्य में भेजेगी पांच पुलिस फोर्स की कंपनी
एडीजी एपी अंशुमान ने बताया कि लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराने के लिए 40 से 42 हजार पुलिस फोर्स की तैनाती होगी। 115 कंपनी अर्ध सैनिक बलों की तैनात होगी। वहीं पांच पुलिस फोर्स की कंपनियां उत्तराखंड से अन्य राज्यों में जाएंगी और दूसरे राज्य से उत्तराखंड राज्य में भी आएंगी। दूसरे राज्य से 15 हजार होमगार्ड की डिमांड उत्तराखंड ने भेजी है।
17 मार्च से जमा कराए जाएंगे लाइसेंसी शस्त्र
लाइसेंसी अस्त्र को जमा करने की कार्यवाही 17 मार्च से शुरू होगी। समन्वय के लिए रणनीति तैयार है। लगभग 47 हजार लाइसेंसी अस्त्र पूरे प्रदेश में है। इस बार चुनाव में अवैध धन को रोकने और अवैध शराब पर लगाम लगाने की चुनौती होगी। मौके पर पकड़ी गई शराब व नकद तत्काल जब्त होगी और वहीं पर एंट्री होगी।
चुनाव बहिष्कार की नहीं आएगी नौबत, मतदाताओं को करेंगे जागरूक
राज्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि 2019 में 29 ऐसी जगह चिह्नित हुई थी ।जहां चुनाव का बहिष्कार हुआ था। 2022 में ऐसी कोई जगह नहीं थी जहां बहिष्कार हुआ हो। अब 2024 में भी प्रयास है कि शत-प्रतिशत मतदान हो। जहां कहीं भी कोई समस्या हो, उसका तत्काल निराकरण कराकर मतदाताओं को मतदान के लिए जागरूक किया जाएगा।