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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : बिहार की राजनीति में एक बार फिर उत्तराधिकार की लड़ाई चर्चा में है। नगर विकास एवं आवास विभाग के मंत्री जीवेश कुमार ने हाल ही में राजद नेता तेज प्रताप यादव को पार्टी का वास्तविक उत्तराधिकारी बताया। जीवेश कुमार ने तेज प्रताप की नेतृत्व क्षमता की तारीफ की, लेकिन साथ ही लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने बड़े बेटे के साथ न्याय नहीं किया और उन्हें राजनीतिक हाशिए पर धकेल दिया।

तेजस्वी के मुकाबले तेज प्रताप क्यों?

जीवेश कुमार ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि राजपरिवारों में बड़े पुत्र को ही युवराज बनाने की परंपरा रही है, लेकिन राजद में उल्टा हुआ। छोटे पुत्र तेजस्वी यादव को उत्तराधिकारी बनाकर तेज प्रताप यादव की अनदेखी की गई। तेज प्रताप के फाइटर प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग और युद्ध में जाने के बयान को जीवेश कुमार ने उनके जुझारू व्यक्तित्व से जोड़ा।

दिनकर की कविता से तेज प्रताप को प्रेरणा

मंत्री जीवेश कुमार ने राष्ट्रीय कवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध कविता का उल्लेख करते हुए कहा, "अधिकार खोकर बैठे रहना, यह महा दुष्कर्म है।" उन्होंने तेज प्रताप को सलाह दी कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए संघर्ष जरूरी है। जीवेश कुमार ने महाभारत के युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि न्याय के लिए अपने निकटतम संबंधियों से भी संघर्ष करना धर्म है।

तेज प्रताप के लिए आगे की राह

जीवेश कुमार ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में तेज प्रताप को अपने अधिकारों के लिए राजनीतिक युद्ध लड़ना होगा। उन्होंने तेज प्रताप की नेतृत्व क्षमता को असली और प्रभावी बताते हुए कहा कि उनका संघर्ष पार्टी और बिहार की राजनीति दोनों के लिए महत्वपूर्ण होगा।

तेजस्वी यादव की तिरंगा यात्रा पर प्रतिक्रिया

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव द्वारा पाकिस्तान में तिरंगा यात्रा के प्रस्ताव पर मंत्री जीवेश कुमार ने कहा कि तेजस्वी के साथ वे व्यक्तिगत रूप से जरूर यात्रा में भाग लेंगे। उन्होंने कहा, "तेजस्वी आगे-आगे चलें, मैं उनके पीछे चलूंगा।" यह बयान तेजस्वी के प्रति राजनीतिक समर्थन जताने के साथ-साथ उनके राष्ट्रीय मुद्दों पर सक्रियता को भी उजागर करता है।