
Prabhat Vaibhav,Digital Desk : शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा ने पूरे प्रदेश को भक्तिमय कर दिया। कहीं लकड़ी के भव्य रथ खींचे जा रहे थे तो कहीं पुष्पवर्षा और जयघोष से गूंज उठे थे रास्ते। हर जगह एक ही नज़ारा – श्रद्धालुओं की भीड़, भगवान के दर्शन की आस और भक्ति में लीन चेहरों की चमक।
लखनऊ, अयोध्या और बाराबंकी में निकली इस यात्रा में शहर से लेकर गांवों तक के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। बाराबंकी की रथ यात्रा की अगुवाई मंजुला निगम, अनीता गुप्ता और महिला मंडल ने की। यहां शनिधाम मंदिर से भगवान का रथ निकाला गया और सड़कों पर जनसैलाब उमड़ पड़ा।
वाराणसी में तो दृश्य और भी अद्भुत था। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अष्टकोणीय रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। हजारों श्रद्धालु घंटों इंतजार कर उनकी एक झलक पाने को खड़े थे। पीले फूलों और वस्त्रों से सजे रथ को देखकर मन पुलकित हो उठा। प्रथम दिन पीले रंग के भोजन – कोहड़े की सब्जी, पूड़ी और हलवे का भोग चढ़ाया गया और प्रसाद बांटा गया।
प्रयागराज की सड़कों पर 16 पहियों वाला नंदीघोष रथ दिखाई दिया, जिसमें विराजमान थे भगवान जगन्नाथ और उनके साथ बलभद्र व सुभद्रा। कीडगंज, मुट्ठीगंज और दारागंज की गलियों में जयघोष गूंज रहे थे। श्रद्धालु भगवान के रथ की रस्सी खींचने के लिए आतुर थे। जगह-जगह आरती की गई और आम-जामुन का प्रसाद चढ़ाया गया।
इस रथ यात्रा ने एक बार फिर साबित कर दिया कि यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का सेतु है, जो हर वर्ग, जाति और क्षेत्र के लोगों को जोड़ता है।