Prabhat Vaibhav,Digital Desk : भागलपुर में गंगा नदी फिर से अपने पुराने स्वरूप में लौटने लगी है। जिलाधिकारी डा. नवल किशोर चौधरी की पहल और दृढ़ संकल्प के चलते शहरवासियों को स्वच्छ जल मिलने लगा है। आने वाले समय में गंगा नदी न केवल पीने के पानी की समस्या हल करेगी, बल्कि पिकनिक स्पॉट और धार्मिक पर्यटन के लिहाज से भी शहर को नया रूप देगी। श्रद्धालु वरारी घाट, आदमपुर घाट, कुप्पाघाट, सीढ़ी घाट और बूढ़ानाथ मंदिर पर गंगा आरती कर सकेंगे और पर्यटकों के लिए सुविधा और आकर्षण बढ़ेगा।
ड्रेजिंग के जरिए गंगा की धारा पुनर्जीवित
भागलपुर शहर के करीब गंगा की धारा पुनर्जीवित करने के लिए जिलाधिकारी ने भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण को पत्र भेजा। रत्तीपुर बैरिया से भागलपुर की ओर नदी की धारा को पुनर्जीवित करने के लिए ड्रेजिंग कार्य शुरू किया गया। पूर्व में गंगा शहर से सटी बहती थी, लेकिन विक्रमशिला सेतु के निर्माण के बाद नदी धीरे-धीरे नवगछिया की ओर मुड़ गई थी, जिससे बाढ़ के दौरान तटबंधों पर दबाव बढ़ता और जलस्तर में असंतुलन होता था।
ड्रेजिंग से नदी की पुरानी धारा शहर की ओर लौट रही है, जिससे भू-जलस्तर में वृद्धि होगी और जलापूर्ति सुचारू होगी। इसके अलावा, गंगा के निकट आने से शहर का सौंदर्य और पर्यटन आकर्षण भी बढ़ेगा।
शहरवासियों और श्रद्धालुओं को लाभ
स्वच्छ गंगा जल मिलेगा और पीने का पानी उपलब्ध होगा।
घाटों का सौंदर्यीकरण और साफ-सफाई बढ़ेगी।
पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
जल-जीवों की आयु और संख्या में सुधार होगा।
विरोध और सुरक्षा उपाय
कुछ ग्रामीणों और किसानों ने ड्रेजिंग कार्य का विरोध किया है, उन्हें लेकर प्राधिकरण ने जिलाधिकारी को आवश्यक सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। गंगा की धारा पुनर्जीवित करने के लिए कार्य निर्वाध जारी रखा जाएगा। जहाजों के आवागमन के लिए विक्रमशिला सेतु पर ऊर्ध्वाधर और क्षैतिज निकासी की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है।
भविष्य की योजना
जिलाधिकारी के अनुसार, गंगा नदी के शहर के करीब आने से बूढ़ानाथ से लेकर बरारी घाट तक रौनक बढ़ेगी। गंगा आरती, पर्यटन और जल जीवन के सभी पहलुओं में सुधार होगा। स्वच्छ पेयजल, बेहतर यातायात और बढ़ा पर्यटन शहर को आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से मजबूत बनाएगा।




