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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच एक बड़े और ऐतिहासिक व्यापार समझौते की घोषणा हुई है। ट्रंप ने इस समझौते को 'अब तक का सबसे बड़ा व्यापार समझौता' बताया है, जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होगा।

इस अवसर पर ट्रंप ने कहा कि इस समझौते के तहत सभी देशों के बाज़ार खुलेंगे और यूरोपीय संघ पर सभी क्षेत्रों में 15 प्रतिशत टैरिफ़ लगाया जाएगा। इसके साथ ही, यूरोपीय संघ अमेरिका से सैन्य उपकरणों की ख़रीद भी बढ़ाएगा। ऊर्जा क्षेत्र में, यूरोपीय संघ अमेरिका से लगभग 150 अरब डॉलर मूल्य की ऊर्जा भी ख़रीदेगा, जिससे दोनों पक्षों के आर्थिक सहयोग मज़बूत होंगे।

इसके अलावा, यूरोपीय संघ अमेरिका में 600 अरब डॉलर का निवेश करेगा, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। इस समझौते के तहत, स्टील और एल्युमीनियम पर पहले से लागू मौजूदा शुल्क व्यवस्था जारी रहेगी। चिप्स या सेमीकंडक्टर क्षेत्र को लेकर धारा 232 के तहत अगले दो हफ़्तों में एक नई घोषणा की जाएगी, जो इस उद्योग के लिए एक बड़ी पहल होगी।

यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने इस समझौते को स्थिरता लाने वाला बताया और कहा कि इससे दोनों पक्षों के बीच बेहतर व्यापारिक संबंध स्थापित होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चिप्स क्षेत्र से संबंधित नई नीतियाँ जल्द ही लागू की जाएँगी।

इस व्यापार समझौते को वैश्विक स्तर पर आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने और व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। दोनों पक्षों को उम्मीद है कि यह आर्थिक विकास और स्थिरता को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। यह समझौता न केवल अमेरिका-यूरोप संबंधों को मज़बूत करेगा, बल्कि वैश्विक व्यापार में नए अवसरों के द्वार भी खोलेगा।