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Prabhat Vaibhav,Digital Desk : अफ़ग़ानिस्तान में 6.0 तीव्रता के भूकंप ने तबाही मचा दी है। भूकंप से जलालाबाद और अन्य प्रभावित इलाकों में अफरा-तफरी मच गई है। जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। कुछ गाँव पूरी तरह तबाह हो गए हैं। घर तबाह होकर मलबे में तब्दील हो गए हैं। लोग बेघर हो गए हैं, सड़कें ढह गई हैं और बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। इस भूकंप के बाद जलालाबाद और आसपास के इलाकों में कई झटके भी महसूस किए गए।

मृतकों की संख्या 1,110 तक पहुंच गई।

भूकंप इतना शक्तिशाली था कि पहले से ही आशंका थी कि इससे काफी नुकसान होगा। अब तक इस भूकंप से मरने वालों की संख्या 1,110 तक पहुँच गई है। तालिबान सरकार के गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

3,500 से अधिक लोग घायल

तालिबान सरकार के गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि भूकंप में घायल हुए लोगों की संख्या 3,500 से ज़्यादा हो गई है। घायलों को पास के अस्पतालों, क्लीनिकों और चिकित्सा केंद्रों में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। इनमें से कई घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है। ऐसे में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।

भारत ने मदद भेजी.

अफ़ग़ानिस्तान में आए भूकंप के बाद भारत सबसे पहले मदद के लिए आगे आया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दर्दनाक आपदा पर दुख व्यक्त किया और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस मामले पर अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी आमिर ख़ान मुत्तकी से बात की। भारत ने अफ़ग़ानिस्तान में 1000 परिवारों के लिए टेंट पहुँचाए हैं। इसके साथ ही, भारतीय मिशन द्वारा काबुल से कुनार तक 15 टन खाद्य सामग्री भी पहुँचाई गई है। जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत की ओर से अफ़ग़ानिस्तान को और राहत सामग्री भी भेजी जाएगी।

भूकंप कब आया और यह इतना घातक क्यों था?

अफ़ग़ानिस्तान के नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद ज़िले में 1 सितंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:47 बजे भूकंप आया। उस समय अफ़ग़ानिस्तान में रात के 11:47 बज रहे थे और लोग सो रहे थे। भूकंप की तीव्रता 6.0 थी, जो बहुत ज़्यादा है, और इसकी गहराई 8 किलोमीटर थी, जो बहुत कम है। कम गहराई होने के कारण भूकंप बहुत घातक था।